गुजरात में एक बार फिर न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत खरीदी गयी मूंगफली की बोरियों से मिट्टी मिश्रित मूंगफली मिलने की घटना को लेकर जारी आरोप प्रत्यारोपों के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता और अमरेली से कांग्रेस विधायक परेश धानाणी ने कहा है कि 4000 करोड़ से अधिक के इस घोटाले के तार मुख्यमंत्री से जुड़े हुए हैं।
उधर, मूंगफली खरीदी करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी नाफेड के उपाध्यक्ष दिलीप संघाणी ने श्री धानाणी के इन आरोपों को आधारहीन बताते हुए उनसे मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कल गांधीधाम के गोदामों से जो बोरियां मिली हैं वह 2017 में खरीदी गयी थीं जब ऐसे कई मामले सामने आने की उच्च स्तरीय जांच अब भी जारी है। श्री संघाणी ने कहा कि कांग्रेस के पास अब जनता से जुड़ कोई ठोस मुद्दा नहीं होने के कारण वह ऐसे आधारहीन मुद्दे उठा कर जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।
श्री धानाणी ने कहा है कि कांग्रेस पहले से ही मूंगफली खरीद में घोटाले की जांच हाई कोर्ट के वर्तमान जज से कराने की मांग करती रही है पर सरकार जानबूझ कर ऐसा नहीं कर रही। अगर निष्पक्ष ढंग से इसकी जांच हो तो न केवल कई बड़ मछलियां इसमें फंसेगी बल्कि इसके तार मुख्यमंत्री आवास से भी जुड़ मिलेंगे। उन्होंने एक बार फिर इसकी जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की।
उधर, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि मूंगफली को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी नाफेड की है। इसके बावजूद गांधीधाम में कल हुई घटना के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज की गयी है। जब नाफेड शिकायत दर्ज करायेगी तो इसके आधार पर सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ कदम उठायेगी।