रविवार को पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता Hardik Patel और उनके समर्थकों को रविवार को अहमदाबाद के निकोल इलाके में उपवास आयोजित करने का प्रयास करने पर गिरफ्तार कर लिया गया था। पाटीदार आंदोलन समिति (पास) ने इस इलाके के पार्किंग वाले स्थान पर उपवास कार्यक्रम की योजना बना रखी थी। उधर अहमदाबाद अपराध शाखा द्वारा देशद्रोह के एक पुराने मामले में Hardik Patel के करीबी साथी पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता अल्पेश कठेरिया को गिरफ्तार करने के विरोध में भीड़ ने सूरत में जाकर बवाल काटा। रविवार देर शाम हुए इस बवाल में गिरफ्तारी का विरोध कर रहे लोगों ने सूरत में बीआरटीएस की एक बस फूंक दी और एक बस स्टैंड पर तोड़फोड़ की जिससे शहर में तनाव पैदा हो गया। योगी चौक इलाके में बस को आग लगाई गई और वरच्छा इलाके में बस स्टैंड पर तोड़फोड़ की गई। भीड़ ने सड़कों पर टायर भी फूंके और पथराव किया।खास बात यह है कि कठेरिया को अहमदाबाद में अपराध शाखा ने उस समय गिरफ्तार किया जब वह सांकेतिक उपवास पर बैठने जा रहे थे।
सूरत पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब Hardik Patel के समर्थकों ने कुछ ऐसा किया हो। पहले भी कई बार वह ऐसा कर चुके हैं। इसे लेकर कई बार हार्दिक पटेल को अदालत तक के चक्कर भी काटने पड़े। ऐसे ही एक मामले मे कुछ समय पहले ही Hardik Patel को कोर्ट से राहत मिली है।
उस दौरान पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा था कि ‘सच, किसानों, युवाओं और गरीबों’ के लिए लड़ने वाली उनकी आवाज को भाजपा की ‘हिटलरशाही’ नहीं दबा पाएगी। दंगा फैलाने के एक मामले में उन्हें दो वर्ष की जेल की सजा सुनाये जाने के तुरंत बाद उन्होंने यह बात कही। गुजरात के मेहसाणा जिले के विसनगर की एक सत्र अदालत के न्यायाधीश वीपी अग्रवाल ने हार्दिक पटेल और उनके दो साथियों लालजी पटेल और एके पटेल को दंगा भड़काने, आगजनी करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने के मामले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया। उन तीनों को उसी अदालत से जमानत मिल गई।
हार्दिक का ट्वीट, शांति बनाए रखें
इन घटनाओं के सामने आने के बाद Hardik Patel ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि असामाजिक तत्वों के जरिये सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हर किसी से मेरी विनती है कि शांति बनाये रखे. विरोध अहिंसक होता है। हिंसा को मेरा समर्थन नहीं है।
बता दें कि हार्दिक पटेल 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने वाले थे। इसके लिए उन्होंने अहमदाबाद की चार अलग-अलग जगहों पर उपवास करने की अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर से इजाजत मांगी थी। प्रशासन की ओर से उन्हें इजाजत न दिए जाने के कारण उन्होंने रविवार को उसी जगह अपनी गाड़ी में बैठकर एक दिन के सांकेतिक उपवास करने का ऐलान किया था। लेकिन हार्दिक के उपवास करने के लिए तयशुदा जगह पहुंचने से पहले ही अहमदाबाद पुलिस की टीम ने उन्हें और उनके करीब 200 साथियों को हिरासत में ले लिया था।