देहरादून : टिहरी जिले के बसाण गांव निवासी अनुसूचित जाति के युवक के साथ विवाह समारोह के दौरान मारपीट के बाद उसकी मृत्यु से पूर्व सीएम एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत व्यथित हैं। वह सोमवार को देहरादून के गांधी पार्क में प्रायश्चित स्वरूप एक घंटे तक मौन उपवास पर बैठे। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि यह एक सामाजिक अपराध का मामला है। लिहाजा, लोस चुनाव की आचार संहिता लागू होते हुए भी सरकार को पीड़ित परिवार की मदद करनी चाहिए। बसाण गांव निवासी मृतक के परिजनों को सांत्वना देने के बाद देहरादून लौटे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पीड़ित परिवार की स्थिति बेहद दयनीय है।
प्रकरण में कानून अपना काम करेगा, मगर वर्तमान में पहली जरूरत पीड़ित परिवार को मदद मुहैया कराने की है। वजह ये कि परिवार के कमाऊ पूत की मौत के बाद गुजर-बसर का कोई सहारा नहीं है। हालांकि, लोगों के साथ ही तमाम संगठन मदद को आगे आए हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी 50 हजार की राशि दी है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह पीड़ित परिवार को फौरन आर्थिक मदद मुहैया कराए। इससे पहले, पूर्व सीएम रावत ने तहसील नैनबाग के बसाण गांव जाकर मृतक जितेंद्र के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सभी पीड़ित परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि वह पीड़ितों की बात को सरकार तक पहुंचाएंगे और जो भी मदद होगी वह की जाएगी।
परिजनों की समस्याएं भी सुनीं… उन्होंने यहां परिजनों की समस्याएं भी सुनीं। इस अवसर पर शांति प्रसाद भट्ट, चंद्रभान, दर्शनलाल, गंभीर सिंह, गंभीर सिंह रावत, जोत सिंह रावत आदि मौजूद थे। गौरतलब है कि बीती 26 अप्रैल को एक शादी समारोह में अनुसूचित जाति के युवक जितेंद्र के साथ कुछ लोगों ने मारपीट कर दी थी। कुछ दिन बाद उसकी देहरादून के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।