देहरादून : टिहरी जल विद्युत निगम का कथित तौर पर निजीकरण किए जाने के विरोध में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहित कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ गुरुवार को यहां तीन घंटे का सांकेतिक धरना दिया।
ऋषिकेश में स्थित प्रगतिपुरम में निगम के प्रवेश द्वार पर धरने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि टीएचडीसी के निजीकरण से उत्तराखंड के कई महत्वपूर्ण हितों पर कुठाराघात होगा। उन्होंने कहा, ‘टीएचडीसी हमारी प्रतिष्ठा से जुडा है। राज्य के लोगों ने इसके लिये बड़े बलिदान दिये हैं। उन्होंने अपना घर, अपनी संस्कृति और अपना पर्यावरण सब कुछ बलिदान कर दिया। इन्हें पूंजीपतियों के हाथ में देना उत्तराखंड के हितों पर कुठाराघात है।’
रावत ने कहा कि उन्होंने धरना देने के लिये पंडित नेहरू की जयंती का दिन चुना क्योंकि वह आधुनिक भारत के निर्माता थे और देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का जाल बिछाना उनका ही विचार था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्र के इस फैसले के खिलाफ अपनी पूरी ताकत से संघर्ष करेगी।
रावत ने कहा कि इसके विरोध में कांग्रेस अगले माह दिसम्बर में ‘टिहरी चलो’ यात्रा का आयोजन करेगी। उन्होंने कहा कि विरोध के क्रम में देहरादून में भी एक बड़ा कार्यक्रम होगा और जब विधानसभा का सत्र होगा तब कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर भी उतरेंगे। रावत ने कहा कि इस आंदोलन के संयोजन की कमान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सौंपी गई है।