वक्फ की संपत्तियों का खुलासा करने के लिए हरियाणा ने भी यूपी मॉडल को अपना लिया हैं। हरियाणा सरकार ने वक्फ संपत्तियो के नियम जारी कर दिए है। वक्फ की संपत्तियों को डिजिटल कर पारदर्शिता और अखंडता की दिशा में बड़ा कदम हैं। नियम वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के अलावा मुख्य कार्यकारी और बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति से संबंधित हैं।
बोर्ड को खत्म कर पूर्व विधायक ने प्रशासक के तौर किया था नियुक्त
सरकार ने पिछले साल अगस्त में हरियाणा वक्फ बोर्ड को रद्द कर दिया था और पूर्व विधायक जाकिर हुसैन को अपना प्रशासक नियुक्त किया था। वर्तमान में, बोर्ड राज्य भर में 12,505 संपत्तियों का प्रबंधन कर रहा है। एक अधिकारी ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि अतिक्रमण की जांच के लिए हरियाणा वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्तियों की जीआईएस (जियोग्राफी इंफॉर्मेशन सिस्टम) मैपिंग की है।
कृषि उद्देशयों को आवासीय व व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था उपयोग
अधिकांश वक्फ संपत्तियां गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, कुरुक्षेत्र, अंबाला और यमुनानगर जिलों में हैं, जिनमें से अधिकतर को मैप किया गया है और विशिष्ट पहचान कोड दिया गया है। अधिकतर शिकायतें पहले संपत्ति के दुरुपयोग से संबंधित थीं। जैसे कोई संपत्ति कृषि उद्देश्यों के लिए पट्टे पर दी गई थी, लेकिन इसका उपयोग आवासीय या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था।
जीआईएस मैपिंग के बाद संपत्तियों के दूरूपयोग न के बराबर
अधिकारी ने कहा, जीआईएस मैपिंग के बाद वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग लगभग न के बराबर हो गया है।सरकार ने हाल ही में इनेलो के पूर्व विधायक जाकिर हुसैन को वक्फ बोर्ड का प्रशासक नियुक्त किया था। हुसैन 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे और पिछले विधानसभा चुनाव में असफल रहे थे।