महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह देश छोड़कर भाग गए हैं। सिंह अब होमगार्ड के कमांडेंट-जनरल हैं। महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल ने कहा है कि न तो राज्य और न ही केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों को सिंह के ठिकाने का कोई आभास है और वह उनकी तलाश कर रही है।
गृह मंत्रालय के साथ उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया
वालसे-पाटिल ने कहा, ”गृह मंत्रालय (नई दिल्ली) के साथ उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया है, हम भी उनकी तलाश कर रहे हैं।” यह स्वीकार करते हुए कि उन्होंने भी सुना है कि आईपीएस अधिकारी देश छोड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक सरकारी अधिकारी के रूप में, वह आधिकारिक मंजूरी के बिना विदेश यात्रा नहीं कर सकते।
आयोग के समक्ष बार-बार बुलाए जाने के बावजूद पेश होने में रहे विफल
आयोग के समक्ष बार-बार बुलाए जाने के बावजूद पेश होने में विफल रहने के बाद, न्यायमूर्ति चांदीवाल आयोग ने उनपर तीन बार जुर्माना लगाया, और राज्य सीआईडी द्वारा मुंबई, चंडीगढ़ और रोहतक में उनके ज्ञात पतों में नहीं मिलने के बाद उनके खिलाफ दो बार जमानती वारंट जारी किया। यदि सिंह 6 अक्टूबर को आयोग की अगली सुनवाई में पेश होने में विफल रहते हैं, तो उन्हे गैर-जमानती वारंट का सामना करना पड़ सकता है।
भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
इस मामले को लेकर कांग्रेस ने कहा कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या की तरह ही परमबीर सिंह को भी देश से बाहर भगाने में बीजेपी का हाथ है। उन्होंने कहा कि अगर परमबीर सिंह भारत से बाहर गए हैं, तो बीजेपी का उसमें क्या रोल है इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि शुरुआत से ही परमबीर सिंह बीजेपी के एजेंडे पर चल रहे थे। वहीं भाजपा नेता राम कदम ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार जो दावा कर रही है, ये उसकी आदत है कि अपनी हर कमी को लेकर केंद्र को दोष देते हैं।