पत्रकार तरुण तेजपाल को 2013 के बलात्कार के एक मामले में बरी किए जाने के अदालत के फैसले के खिलाफ गोवा सरकार की अपील पर बंबई हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने गुरुवार को सुनवाई 29 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।न्यायमूर्ति एम एस सोनक और न्यायमूर्ति एम एस जवालकर की खंडपीठ ने सरकार को उनकी अपील में संशोधन करने और उसकी एक प्रति के साथ सभी संबंधित दस्तावेज तेजपाल को देने की अनुमति प्रदान की है।
तेजपाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि इन्हें तैयार करने में थोड़ा समय लगेगा। इस पर पीठ ने कहा कि वह 29 जुलाई को अपील पर सुनवाई करेगी। पीठ ने सरकार को एक सप्ताह में याचिका में सुधार करने और उसके बाद एक सप्ताह में उसकी एक प्रति देने का निर्देश दिया।
गोवा की एक सत्र अदालत ने 21 मई को पत्रकार तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के मामले में बरी कर दिया था। 58 साल के पूर्व पत्रकार के ऊपर 2013 में एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में तहलिका मैगजीन के ही एक इवेंट के दौरान सहकर्मी के साथ रेप करने का आरोप लगाया गया था।
शिकायतकर्ता के अनुसार, तेजपाल ने 7 नवंबर 2013 को होटल की लिफ्ट में महिला के साथ दुष्कर्म किया और अगले दिन फिर से उसका शोषण करने की कोशिश की। तेजपाल ने अदालत में इन आरोपों का खंडन किया और बाद में उन्हें बरी कर दिया गया। बता दें कि 2014 से तेजपाल जमानत पर बाहर थे।