पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम में मिली हार को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में गुरुवार को एक चुनावी याचिका दायर की जिसकी सुनवाई आज होनी थी। वहीं कोर्ट ने अधिकारी के चुनाव को अमान्य घोषित करने के अनुरोध वाली ममता की याचिका पर सुनवाई 24 जून तक के लिए स्थगित कर दी।
बनर्जी के वकील ने न्यायमूर्ति कौशिक चंदा की पीठ के समक्ष शुक्रवार को मामले को पेश किया। न्यायमूर्ति चंदा ने याचिकाकर्ता के वकील को चुनाव याचिका की प्रतियां प्रतिवादियों को देने को कहा और मामले पर अगली सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार का दिन तय किया। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने अपनी याचिका में भाजपा विधायक अधिकारी पर जन प्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण करने का आरोप लगाया। बनर्जी ने याचिका में यह भी दावा किया कि मतगणना प्रक्रिया में विसंगतियां थीं।
बता दें कि मामले की सुनवाई शुक्रवार को एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। उच्च न्यायालय द्वारा बृहस्पतिवार को वेबसाइट पर जारी वाद-सूची के अनुसार, इस मामले को न्यायमूर्ति कौशिक चंद की अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘‘उल्लेखित किये जाने’’ के तौर पर लिया जाना है। चुनाव आयोग ने नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से अधिकारी को विजेता और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी को उपविजेता घोषित किया था।
बनर्जी ने ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ और चुनाव आयोग के संबंधित अधिकारी द्वारा दोबारा मतगणना की मांग को ठुकराने का आरोप लगाते हुए नतीजों की घोषणा के बाद कहा था कि इस मुद्दे को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा।भाजपा विधायक अधिकारी वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।