कंगना रनौत के ऑफिस में तोड़फोड़ के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट 22 सितंबर को सुनवाई करेगा। इससे पहले हाई कोर्ट ने बुधवार को कंगना के दफ्तर में अवैध निर्माण को तोड़ने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। गुरुवार को हुई सुनवाई में बीएमसी के वकील ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद सारा काम रोक दिया गया है।
बीएमसी ने कहा कि कर्मशियल प्रॉपर्टी है, तो इस पर कंगना के वकील ने कहा कि नहीं यह रिहायशी इलाका है। पहले यह एक बंगला था, बाद में वह कंगना ने खरीदा और दफ्तर बनाया। जिसके बाद हाई कोर्ट ने कहा कि BMC के हलफनामे पर 14 सितंबर तक कंगना के वकील जवाब दाखिल करें। नया तथ्य रखना चाहते हैं तो वह भी रखें।
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बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बीएमसी से जानना चाहा कि उन्होंने कैसे परिसर में प्रवेश किया तथा निर्देश दिया कि वह याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करें। हाई कोर्ट ने कहा कि बीएमसी ने जिस तरह से तोड़फोड़ का काम शुरू किया वह कहीं से भी प्रामाणिक नहीं है और दुर्भावना से किया गया लगता है। हम मामले में मदद तो नहीं कर सकते लेकिन अगर बीएमसी ऐसे ही काम करती रही तो यह शहर पूरी तरह से एक अलग ही जगह हो जाएगा।
बीएमसी ने रनौत के बांद्रा स्थित बंगले में किए अवैध बदलावों पर बुधवार को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी। बीएमसी ने अभिनेत्री के दफ्तर पर बीएमसी ने बुलडोजर चलवा कर बालकनी, रेलिंग उखाड़ के गिरा दिए। आलम यह है कि कंगना के ऑफिस के अंदर भी हथौड़ा लेकर दीवारें तोड़ी गई हैं। करीब डेढ़ घंटे की इस कार्यवाही में बीएमसी की टीम कंगना के ऑफिस के कुछ हिस्से को तहस-नहस कर दिया है।