कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य की शिक्षण संस्थाओ में हिजाब पहनने की अनुमति लगा दी है। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसपर सुनवाई के लिए कोर्ट ने सहमति जताई है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई कर सकता है।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की उन दलीलों पर गौर किया कि याचिकाएं काफी पहले दायर की गयी थीं लेकिन इन्हें अभी तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। भूषण ने कहा, ‘‘लड़कियों की पढ़ाई छूट रही है।’’ इस पर पीठ ने कहा, ‘‘इसे अगले सप्ताह किसी दिन सूचीबद्ध किया जाएगा।’’
क्या है विवाद?
दरअसल, कर्नाटक में जनवरी महीने में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत हुई थी। उडुपी जिले के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंची थीं। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना कर दिया था। इसके बाद लड़कियों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था।
यहीं से पूरे कर्नाटक से लेकर देशभर के कई हिस्सों में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हो गया था। स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए थे। ऐसे में कुछ छात्राओं ने स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत मांगने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था।
कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस. दीक्षित और जस्टिस जेएम काजी की तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ ने 15 मार्च को मुस्लिम छात्राओं की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई हैं।