हिमाचल विधानसभा चुनाव में तारीखों का एलान करके चुनाव आयोग ने चुनावी बिगुल बजा दिया हैं, चुनाव आयोग ने हिमाचल के चुनावी कार्यक्रम को विस्तार से रखा हैं। आयोग ने अबकी बार कई पांबदिया भी अख्तियार की हैं। हिमाचल के साथ ही गुजरात के चुनाव होने थे ,लेकिन मौसम का हवाला देकर आयोग ने गुजरात चुनाव की घोषणा नहीं की हैं। हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल जनवरी में खत्म होने वाला हैं , जिस कारण सर्द मौसम के कारण हिमाचल जैसे हिम पहाड़ी इलाके में चुनाव कराने में परेशानी पैदा हो सकती हैं , इसलिए चुनाव आयोग ने हिमाचल के चुनाव को जल्द कराने का निर्णय लिया हैं। पूरे प्रदेश में चुनाव आयोग ने एक दिन ही मतदान कराने का फैसला किया हैं , मतदान का परिणाम 8 दिसंबर को आएगा। कांग्रेस ने चुनाव आयोग के कार्यक्रम में सवाल उठाए हैं , कांग्रेस नेताओं का कहना हैं कि हिमाचल के साथ गुजरात का चुनाव क्यों नहीं कराया जा रहा हैं। परिणाम को लेकर विपक्षी दलों के कई नेताओं ने कहा हैं कि परिणाम जारी करने के लिए क्यों लंबे वक्त का इतंजार रखा गया हैं। चुनाव आयोग के अनुसार 17 अक्टूबर से चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। 25 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 27 अक्टूबर को स्क्रूटनिंग होगी। 29 अक्टूबर तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। 2017 में 9 नवंबर को एक चरण में मतदान हुआ था, जबकि मतगणना 18 दिसंबर को हुई थी। इस बार चुनाव आयोग ने जल्दी तिथियां घोषित कर दी हैं व नतीजे भी जल्दी आएंगे।
प्रदेश भर में आज से धारा 144 लागू
चुनाव आयोग कार्यक्रम घोषित करने के बाद ही प्रदेश की शासन व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए प्रदेश में धारा 144 को लागू कर दिया हैं , वर्तमान सरकार अपना कार्यकाल आठ जनवरी 2023 को पूरा कर रही हैं। 144 लागू होने के बाद प्रदेश भर की शासन व्यवस्था को चुनाव आयोग की देखरेख में रखा जाएगा। 144 लागू होने पर किसी भी व्यक्ति को अनाधिकारिक तरह से प्रचार नहीं किया जा सकता हैं। पाांच से ज्यादा लोग एक जगह पर खड़े होकर राजनीति से जुडी बातचीत नहीं कर सकते हैं।