हिमाचल प्रदेश में शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। उन्होंने इस दौरान कहा, “चुनौती अभूतपूर्व थी, पर चुनौती का सामना करने का जज्बा भी अभूतपूर्व था। हम कोरोना का न केवल साहस और सफलता से सामना कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक महामारी के दुष्प्रभावों को भी कम कर पाए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के विधायकों को एक अप्रैल से पूरा वेतन दिया जाएगा और विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि को फिर से शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने की तैयारियों के वास्ते पिछले वर्ष विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने और दो वर्ष के लिए विधायक निधि पर रोक लगाने का निर्णय लिया था।
उन्होंने कहा कि विधायक निधि को न केवल बहाल किया जाएगा बल्कि इसमें पांच लाख रुपए की वृद्धि भी की जाएगी। इस प्रकार से यह राशि 1.75 करोड़ रूपए से बढ़कर 1.80 करोड़ रुपए हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के योजना विभाग का नाम परिवर्तित कर नीति विभाग किया किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की मांगों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का ऐलान किया है। बजट में शिक्षा क्षेत्र पर 8024 करोड़ रूपए और स्वास्थ्य क्षेत्र में 3016 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। बजट में 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों व आश्रमों में रह रहे अनाथ बच्चों को हिमकेयर योजना के तहत मुफ्त पंजीकरण होगा।
उन्होंने ने दूध खरीद में दो रूपए बढ़ाने, 100 नई ट्राउट इकाइयों और किसानों की आय दोगुणा करने के लिए एक्सपर्ट ग्रुप का गठन करने का एलान किया है। बजट में नवगठित 412 पंचायतों में चरणबढ़ तरीके से पंचायत घरों का निर्माण करने का भी ऐलान किया है।