हिमाचल में चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान करके बिगुल बजा दिया हैं , सभी दल जीत की पशोपेश में पहाड़ी राज्य को हासिल करना चाहते हैं। पूर्व में राज्य की परिपाटी रही हैं की बीजेपी कांग्रेस में से ही बारी – बारी से सत्ता मिलती रही हैं , लेकिन अबकी बार राज्य के लिए सियासी तौर पर कई पंसद हैं। राज्य मेंं आम आदमी पार्टी भी लगातार वोटर्स के बीच अपनी पैठ बना रही हैं , आम आदमी पार्टी हिमाचल की मोनिटरिंग दिल्ली से कर रही हैं। बीजेपी राज्य में यूपी यूके की तरह रिकोर्ड तोड़ने के लिए लगातार मतदाता को डबल इंजन की सरकार के विकास का हवाला दे रही हैं। कांग्रेस में कमोबेश पार्टी का नेतृत्व ही राज्य की दस्तक से गायब हैं।
लेकिन सीएम जयराम ठाकुर पिछली बार की तरह प्रंचड बहुमत के साथ राज्य में दोबारा सत्ता की वापसी कर परिपाटी को तोड़ना चाहते हैं। पीएम मोदी भी चुनाव आयोग की तारीखों से पहले राज्य में दो दौरे कर चुके हैं। जिसमें पहाड़ी राज्य को कई बड़ी सौगातों से नवाजा हैं। दरअसल हिमाचल का वोटबैंक केंद्र के सम्मुख हैं, हिमाचल के निवासी अधिकांश केंद्र की नौकरियों में आसीन हैं , इसलिए राज्य केंद्र को ज्यादा तव्वजों देता हैं। पीएम मोदी की लोकप्रियता के कारण ही राज्य में बीजेपी को कई चुनावों में मात दे चुकी हैं। २०१४ से लेकर इस पहाड़ी राज्य में पीएम मोदी को मतदाता काफी संदेश देते रहे हैं। उन्हीं की लोकप्रियता के चलते राज्य में पार्टी ने दोनों लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को धूल के गुंबार में उड़ा दिया था।
सर्वे के अनुसार हिमाचल में एक बड़ा वर्ग पीएम मोदी की कार्यशैली व नेतृत्व को देखकर ही सीएम जयराम ठाकुर के पक्ष में अपना मत देगा।
हिमाचल चुनाव के लिए बीजेपी शिमला से दिल्ली की टीम निगरानी कर रही हैं ,क्योंकि पार्टी राज्य की सरकार बदलने वाली परिपाटी को तोड़ना चाहती हैं। पीएम मोदी के नाम पर बीजेपी 45 प्रतिशत लोग वोट करेंगे। जो पार्टी को फिर से राज्य की सत्ता में स्थापित कर सकती हैं। जयराम ठाकुर राज्य में अपनी सियासी हालात को लेकर काफी सतर्क रहे हैं ,बीजेपी हाईकमान से भी उन्हें कभी दवाब की स्तिथि का सामना नहीं करना पड़ा , अन्यथा पडोसी राज्य उत्तराखंड में बीजेपी ने एक कार्यकाल के दौरान ही दो तीन चेहरों को बदलकर कर रख दिया था ।
लेकिन सीएम जयराम ठाकुर पिछली बार की तरह प्रंचड बहुमत के साथ राज्य में दोबारा सत्ता की वापसी कर परिपाटी को तोड़ना चाहते हैं। पीएम मोदी भी चुनाव आयोग की तारीखों से पहले राज्य में दो दौरे कर चुके हैं। जिसमें पहाड़ी राज्य को कई बड़ी सौगातों से नवाजा हैं। दरअसल हिमाचल का वोटबैंक केंद्र के सम्मुख हैं, हिमाचल के निवासी अधिकांश केंद्र की नौकरियों में आसीन हैं , इसलिए राज्य केंद्र को ज्यादा तव्वजों देता हैं। पीएम मोदी की लोकप्रियता के कारण ही राज्य में बीजेपी को कई चुनावों में मात दे चुकी हैं। २०१४ से लेकर इस पहाड़ी राज्य में पीएम मोदी को मतदाता काफी संदेश देते रहे हैं। उन्हीं की लोकप्रियता के चलते राज्य में पार्टी ने दोनों लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को धूल के गुंबार में उड़ा दिया था।
सर्वे के अनुसार हिमाचल में एक बड़ा वर्ग पीएम मोदी की कार्यशैली व नेतृत्व को देखकर ही सीएम जयराम ठाकुर के पक्ष में अपना मत देगा।
हिमाचल चुनाव के लिए बीजेपी शिमला से दिल्ली की टीम निगरानी कर रही हैं ,क्योंकि पार्टी राज्य की सरकार बदलने वाली परिपाटी को तोड़ना चाहती हैं। पीएम मोदी के नाम पर बीजेपी 45 प्रतिशत लोग वोट करेंगे। जो पार्टी को फिर से राज्य की सत्ता में स्थापित कर सकती हैं। जयराम ठाकुर राज्य में अपनी सियासी हालात को लेकर काफी सतर्क रहे हैं ,बीजेपी हाईकमान से भी उन्हें कभी दवाब की स्तिथि का सामना नहीं करना पड़ा , अन्यथा पडोसी राज्य उत्तराखंड में बीजेपी ने एक कार्यकाल के दौरान ही दो तीन चेहरों को बदलकर कर रख दिया था ।
मोदी की टीम से राज्य में कद्दावर नेता अनुराग ठाकुर
जयराम ठाकुर जंहा राज्य मे सीएम के तौर पर बीजेपी का नेतृत्व कर रहे हैं , तो वही अनुराग ठाकुर भी मुखरता के चलते राज्य में हिमाचल के सियासी कद का एहसास कराते रहते हैं । अनुराग ठाकुर राज्य के साथ ही बाहरी राज्योंं में काफी लोकप्रिय चेहरा हैं । इसलिए उनकी उपस्थिति राज्य बीजेपी के लिए सुगमता प्रदान करेंगी ।