BREAKING NEWS

आज देश में इतिहास की सबसे नाकारा सरकार, महंगाई के लिए जिम्मेदार : राहुल गांधी◾शाह बिहार पहुंचे, सासाराम का दौरा रद्द होने को लेकर भाजपा और जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप◾जब पीएम मोदी ने 'मन की बात' में कश्मीर के कमल के तने का किया जिक्र ◾IPL 2023 : मेयर्स का अर्धशतक, वेड का धमाल, लखनऊ सुपर जायंट्स ने दिल्ली कैपिटल्स को 50 रन से हराया ◾अमेरिका के ‘मिडवेस्ट’ और ‘साउथ’ में बवंडर ने मचाई तबाही, 18 लोगों की मौत◾IPL 2023 : पंजाब किंग्स ने वर्षा बाधित मुकाबले में कोलकाता नाईट राइडर्स को 7 रन से हराया ◾हावड़ा के काजीपाड़ा में स्थिति शांतिपूर्ण; सीआईडी ने झड़पों की जांच शुरू की◾''सावरकर के बलिदान की अनदेखी नहीं कर सकते, पर आज देश के समक्ष अधिक ज्वलंत मुद्दे''◾राजनीति का अखाड़ा बना संभाजीनगर: रविवार को MVA करेगी रैली, BJP निकालेगी सावरकर गौरव यात्रा◾भारतीय प्रणाली मजबूत, विदेशी निवेशकों को देती है भरोसा: निर्मला सीतारमण◾गुजरात कांग्रेस 300 से ज्यादा सम्मेलनों का करेगी आयोजन, राहुल गांधी को भी भेजा गया निमंत्रण ◾पीएम की डिग्री को लेकर BJP-AAP में तकरार: सुधांशु त्रिवेदी बोले- मानसिक संतुलन खो चुके हैं केजरीवाल◾Delhi: होटल में मिला युवक का शव, हत्या का केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस◾यूपी में बरसात-ओलावृष्टि से फसल को भारी नुकसान, CM योगी ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश ◾‘पर्यावरण और वन संबंधी कानूनों को कमजोर कर रही है सरकार’, कांग्रेस ने केंद्र पर लगाए आरोप ◾कर्नाटक चुनाव से पहले IT विभाग का बड़ा एक्शन, JD(S) से जुड़े सहकारी बैंक की तलाशी ली◾West Bengal: BJP बोली- हिंदू खतरे में हैं, महुआ मोइत्रा का पलटवार- 2024 तक यही चलेगा ◾अमृता फडणवीस रिश्वत मामला: सट्टेबाज अनिल जयसिंघानी को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका◾Udaipur News: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में सड़क पर उतरे वकील, कर रहे ये मांग ◾कंझावला कांड : दिल्ली पुलिस सात आरोपियों के खिलाफ 800 पृष्ठों का आरोपपत्र किया दाखिल ◾

हिमाचल सरकार ने SC से कहा- नवंबर के अंत तक पूरी आबादी को कोरोना टीके की दूसरी खुराक दे देंगे

देश की सबसे बड़ी अदालत (सुप्रीम कोर्ट) ने हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 स्थिति की निगरानी के लिए जिला स्तरीय समितियों के गठन के उच्च न्यायालय के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी। हिमाचल प्रदेश हाल ही में अपनी 18 वर्ष से अधिक आबादी में से 100 प्रतिशत को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक लगाने वाला पहला राज्य बना है और उसने नवंबर के अंत तक पूरी वयस्क आबादी को दूसरी खुराक देने का संकल्प लिया है।

शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के 7 और 14 जुलाई के आदेशों पर रोक लगा दी, जिसके द्वारा उसने राज्य में कोविड-19 स्थिति की निगरानी के लिए उपायुक्त, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के सचिव और जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित जिला स्तरीय समितियों का गठन किया था।

शीर्ष अदालत ने यह रोक तब लगायी जब राज्य ने कहा कि इस आदेश का अधिकारियों पर मनोबल गिराने वाला प्रभाव पड़ रहा है। इन आदेशों को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर नोटिस जारी करने वाली न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न की पीठ ने कहा कि याचिका के लंबित रहने से उच्च न्यायालय पर कोविड-19 स्थिति के इस संबंध में अनुच्छेद 226 के तहत कोई आदेश पारित करने पर रोक नहीं होगी।

पीठ ने कहा, ‘‘जब हमने कोविड-19 पर एक राष्ट्रीय कार्यबल का गठन किया था, तो इसमें देश भर के डॉक्टर और विशेषज्ञ शामिल थे, लेकिन इस जिला स्तरीय समिति में वे लोग शामिल हैं जो जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के सचिव और जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उनसे क्या करने की उम्मीद की जाती है।’’

राज्य सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता अभिनव मुखर्जी ने कहा, ‘‘हमने हाल ही में हम अपनी वयस्क आबादी में से 100 प्रतिशत को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक देने वाले पहले राज्य बने और हम नवंबर के अंत तक हम दूसरी खुराक से पूरी आबादी का टीकाकरण कर सकेंगे। हमारे यहां केवल 0.7 प्रतिशत की सकारात्मकता दर है।’’

उन्होंने कहा कि इन समितियों का उन अधिकारियों पर मनोबल गिराने वाला प्रभाव पड़ रहा है, जो आबादी को टीका लगाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं क्योंकि उन्हें हर बुधवार को अदालत के सामने पेश होना पड़ता है, जहां उनके खिलाफ कई आरोप लगाए जाते हैं। मुखर्जी ने कहा कि कुल्लू जिले के मलाणा नामक गांव में उन्हें एक कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ा, जहां लोग खुद को आर्यों के मूल वंशज मानते हैं और उन्हें टीका लगवाना पसंद नहीं है।

मुखर्जी ने कहा, ‘‘उन्हें बहुत समझाने बुझाने के बाद टीके लेने के लिए राजी किया गया। यही कारण था कि शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में देरी हुई नहीं तो हम बहुत पहले हासिल कर लेते।’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘मैं उस गांव में गया हूं। ग्रामीण किसी और चीज के लिए भी प्रसिद्ध हैं।’’

मुखर्जी ने कहा कि राज्य पहले से ही कोविड​​​-19 की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और कई समितियां हैं जैसे एम्बुलेंस समिति, ऑक्सीजन समिति, सीएसआईआर समिति, सरपंच और आशा कार्यकर्ताओं वाली ग्राम स्तरीय समितियां और जिला स्तरीय समितियां।

उन्होंने कहा कि जो उच्च न्यायालय ने किया है वह राज्य पहले ही कर रहा है। पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा गठित समितियां विशेषज्ञ समितियां नहीं हैं और प्रथम दृष्टया ऐसी समिति के गठन पर विचार की जरूरत है।