कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार योजना में वरिष्ठ नेताओं को शामिल करके इसे और बेहतर किया जा सकता था। शर्मा ने अफसोस जताते हुए कहा कि पार्टी ने उनकी सेवाएं पूरी तरह नहीं लीं। हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने राज्य में जोरदार तरीके से प्रचार किया और उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस चुनाव जीतेगी तथा स्थिर बहुमत हासिल करेगी।
केंद्र, राज्यों को साथ बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए
शर्मा ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ही नयी पेंशन योजना के प्रभावों का आकलन नहीं करने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहने के दौरान लाई गयी इस योजना को ‘गलत फैसला’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हमने 2012 में राज्य में फिर सरकार बनाने पर इसे सही नहीं किया जिस समय पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि यह राष्ट्रीय मुद्दा है और केंद्र तथा राज्यों को साथ बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए।
योजना या अग्निपथ भर्ती योजना शामिल
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों ने जहां भी उन्हें आमंत्रित किया, उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के हिसाब से प्रचार किया, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उनके प्रचार की कोई योजना नहीं थी। शर्मा (69) ने कहा, ‘‘हमारी स्थिति 2017 से बेहतर है क्योंकि हम विशेष महत्व वाले मुद्दों को लेकर जनता तक गये हैं, जिनमें बेरोजगारी, महंगाई, पुरानी पेंशन योजना या अग्निपथ भर्ती योजना शामिल हैं।’’
मुख्य प्रचारकर्ता होने का फैसला सोच-समझकर लिया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा गठित पार्टी की संचालन समिति के सदस्य शर्मा ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य में भाजपा के तेज प्रचार अभियान के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने भाजपा के प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा कई मंत्रियों के जनसभा करने का उल्लेख किया। हिमाचल में राहुल गांधी के कोई जनसभा नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि राहुल का ध्यान यात्रा पर है और जाहिर है कि प्रियंका गांधी के मुख्य प्रचारकर्ता होने का फैसला सोच-समझकर लिया गया ।