महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रसे पार्टी(राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने औपचरिक तौर से केंद्र की नीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमे ऐसा महसूस हो रहा है कि देश में सत्ताधारी सरकार विपक्ष को दबाने के लिए कई तरह से मामले दर्ज करावा है जैसे की ईडी के द्वारा काला धन की कार्रवाई कराना और लगातार गिरफ्तार करवाना यही केंद्री की प्रमुख विशेष योजनाओं में से एक हैं।
केंद्र सरकार पूरी तरह से विपक्ष को दबाना चाहता
पवार ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ अगर आप आज का समाचार पत्र देखेंगे तो उसमें केंद्रीय जांच एजेंसियों ने किस तरह विपक्षी दलों व उनके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई तेज की है उसका पूरा ब्योरा है। ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज कराना और उन्हें गिरफ्तार करवाना केंद्र की प्रमुख परियोजना है।’’उन्होंने कहा ‘‘जब भी उन्हें (सरकार को) चुनाव के नतीजों को लेकर संदेह होता है तो इस प्रकार के कदम महत्वपूर्ण कार्य के तौर पर उठाए जाते हैं। समाज के सामने मौजूद चुनौतियां और मुद्दे दरकिनार कर दिए जाते हैं।’’राकांपा नेता ने कहा, ‘‘ हम इसका राजनीतिक तरीके से जवाब देंगे।’’
ईडी के माध्यम से हो रही कार्रवाई- शरद पवार
पात्रा चॉल के पुनर्विकास से जुड़े धनशोधन के मामले की प्रमुख गवाह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कथित तौर पर कहा है कि 2008-09 में इलाके के कुछ निवासियों ने चॉल के पुनर्विकास के लिए स्थानीय राजनेताओं के माध्यम से राकांपा प्रमुख शरद पवार से संपर्क किया था।इस मामले में शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत भी एक आरोपी हैं। मामले की जांच ईडी कर रही है।गवाह ने ईडी से कहा कि विभिन्न बैठकों के बाद संजय राउत, प्रवीण राउत, एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) के राकेश वधावन से परियोजना का काम संभालने को कहा गया।ईडी ने मामले में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया है। जांच एजेंसी ने 2019 विधानसभा चुनाव से पहले पवार को एक नोटिस भी जारी किया था, लेकिन एजेंसी ने बाद में कहा था कि पवार के जांच में शामिल होने की जरूरत नहीं है।