केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह कर्नाटक के दौरे पर देर रात बेंगलुरू पहुंचे जहां मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। शाह के पुराने मैसूर में कम से कम 20 सीटें जीतने के उद्देश्य से जनसंकल्प यात्रा, मांड्या से चुनाव अभियान शुरू करने पहुंचे है। जिसको लेकर जिले की राजनीति में भारी हलचल है। अमित शाह के आगमन ने कांग्रेस-जेडीएस नेताओं की चिंता बढ़ गई है।
मैसूर में पार्टी को मजबूत करने की सलाह
शाह ने राज्य के नेताओं को 2023 के चुनाव में पुराने मैसूर में पार्टी को मजबूत करने की सलाह दी है। ऐसा माना जा रहा है कि उनकी मैसूर के पुराने हिस्से में विशेष रुचि हैं। जिसे अब तक भाजपा के राज्य के नेताओं द्वारा पूरी तरह से उपेक्षित किया गया था और पैर जमाने के लिए श्री शाह वहां प्रवेश कर रहे हैं।
भाजपा की अधिक से अधिक सीटें जीतने की स्पष्ट रणनीति
अमित शाह पुराने मैसूर क्षेत्र में भाजपा की अधिक से अधिक सीटें जीतने की स्पष्ट रणनीति लागू करने के लिए तैयार है। नेताओं को 2023 तक कम से कम 20 सीटों पर पार्टी को जिताने का काम सौंपा गया है। इसी तरह भाजपा नेता पार्टी को मजबूत करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 2019 के आरपेट उपचुनाव में भाजपा की जीत ने एक मजबूत मुकाम हासिल कर लिया है। भाजपा इसी मैदान से जनसंकल्प रथ यात्रा निकालकर विजय मार्च को और भी तेजी से आगे बढ़ने के लिए कटिबद्ध है। चुनाव महज चार महीने बचे हैं। सभी राजनीतिक दल चुनाव को लेकर यात्रा निकाल रहे हैं। कांग्रेस जहां भारत जोड़ यात्रा से पार्टी को मजबूत करने में जुटी है, वहीं जेडीएस पंचरत्न रथ यात्रा से लोगों का विश्वास जीतने जा रही है। भाजपा भी जनसंकल्प यात्रा से लोगों के और करीब आई है।