मुंबई की एक अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह आज शहर पहुंच गए है। उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वह इसलिए छिप रहे थे क्योंकि उनकी जान को खतरा है। याचिका में परमबीर सिंह की दलील पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने हैरानी जताई है।
वलसे पाटिल ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि मुंबई और ठाणे के पुलिस आयुक्त के पद पर रहे व्यक्ति को अपनी जान पर खतरा महसूस होता है।’’ सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ महाराष्ट्र में दर्ज आपराधिक मामलों में सोमवार को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया।
महाराष्ट्र : पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की हुई मुंबई वापसी, बोले- SC के निर्देश पर बनूंगा जांच का हिस्सा
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पुलिस अधिकारियों और वसूली करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने पर उन्हें तंग किया जा रहा है तो आम आदमी का क्या होगा। मुंबई की एक अदालत ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। मुंबई पहुंचने पर परमबीर सिंह ने कहा कि वह अदालत के निर्देश के अनुसार जांच में शामिल होंगे।
महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कई मामलों का सामना कर रहे, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी ने समाचार चैनलों को बुधवार को बताया था कि वह चंडीगढ़ में हैं। परमबीर सिंह मुंबई पुलिस आयुक्त पद से तबादले और महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देखमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद इस साल मई से काम पर नहीं आए।
उनका तबादला तब किया गया जब मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास एक एसयूवी में विस्फोटक पदार्थ पाए जाने और इसके बाद कारोबारी मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया।