शिवपुरी : चोरों द्वारा खनियांधाना किले में स्थित रामजानकी मंदिर शिखर पर लगा हुआ 50 किलो बजनी स्वर्ण कलश चोरी कर लिया गया। उक्त चोरी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करती हैं। आक्रोशित लोगों ने बाजार बंद कर रैली निकाली आैर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन। जानकारी के अनुसारसन 1664 मे तात्कालीन महाराज को मोहनगढ़ जागीर बंटबारे में मिली थी। मोहनगढ से पूरी रियासत अहारबानपुर आकर गढी में रहने लगे थे।
यहां भी पेशपवाओं से युद्ध के कारण खनियांधाना आकर मुसाहिब मंगल सिंह द्वारा बनबाऐ गए किले में रहने लगे तभी लगभग 250 बर्ष पूर्व निर्मित इस राजमहल में रामजान की एवं राधाकृष्ण मंदिर का निर्माण कराया था। इस राजमहल को राजा दुर्ग सिंह के द्वारा विकसित करवाया गया एवं मंदिरों को विकसित रूप दिया गया।
एवं इन्ही के कार्यकाल में संभवत: यह सवामन 50 किलों सोने का वजनी जिसकी वर्तमान कीमत लगभग 15 करोड़ बताई जा रही हैं। पूर्व विधायक भानू प्रताप सिंह ने बताया कि ओरछा स्थित रामजानकी मंदिर एवं खनियांधाना राजमहल स्थित रामजानकी मंदिर का स्वर्ण कलश एक ही दुकान पर एक साथ बनबाऐ गये थे। एवं दोनों ही मंदिरों पर कलश एक साथ चढाऐ गये थे। जिसका बजन लगभग 50 किलो का हैं और वर्तमान बाजार मूल्य 15 करोड़ के आसपास हैं।