राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने ‘तेय्यम’ पूजा अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालुओं को ‘पीटे जाने’ के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है। इस अनुष्ठान के तहत ऐसा माना जाता है कि एक व्यक्ति पर भगवान का वास हो गया है और वह श्रद्धालुओं को पीटता है। कोई इसकी शिकायत नहीं करता है।
एसएचआरसी सदस्य के. मोहनदास ने रविवार को पीटीआई से कहा कि उन्होंने कलेक्टर और जिला पुलिस प्रमुख से इस मामले में 30 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आयोग ने मीडिया में आई खबरों और वीडियो के वायरल होने के बाद मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। हालांकि किसी ने शिकायत नहीं की, लेकिन इस अनुष्ठान के दौरान कई लोग घायल हुए और कई लोगों के हाथ टूट गए।’’
यह घटना कान्हागढ़ में अरयिल देवी मंदिर में दो नवंबर को हुई। एक वीडियो में ‘तेय्यम’ के दौरान श्रद्धालुओं को पीटते हुए दिखाया गया है। मंदिर संबंधी मामलों का प्रबंधन करने वाली ‘पतिनल नगरम् क्षेत्र संरक्षण समिति’ ने पीटीआई से कहा कि श्रद्धालुओं को पीटना अनुष्ठान का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अनुष्ठान है कि ‘तेय्यम’ मंदिर में घूमता है और लोगों को पीटता है। इसे आशीर्वाद समझा जाता है, लेकिन इन दिनों कुछ युवा प्रस्तोता को उकसाने की कोशिश करते हैं। ऐसा माना जाता है कि प्रस्तोता में भगवान का वास होते हैं।’’ उन्होंने कहा कि लोग इसके खिलाफ कभी शिकायत नहीं करेंगे।