हैदराबाद गैंगरेप और हत्या मामले के चार आरोपियों की मुठभेड़ में मौत के मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए जांच समिति को छह माह का और समय दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जांच समिति का समय बढ़ाते हुए साफ किया है की अब समय में और विस्तार नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी एस सिरपुरकर की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय आयोग को इस मामले में रिपोर्ट देनी है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने जांच आयोग की तरफ से पेश वकील से पूछा कि जांच को पूरा करने में आयोग को और कितना समय चाहिए। ये समय तीसरी बार बढ़ाया गया है, अब और विस्तार नहीं दिया जाएगा।
पीठ ने कहा, “ठीक है, छह महीने का समय दिया जाता है।” सिरपुरकर समिति का गठन 12 दिसंबर, 2019 को किया गया था जिसे मुठभेड़ होने की परिस्थितियों की जांच करनी थी और छह माह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करनी थी। जांच समिति को दिए गए समय की अवधि अब तीन बार बढ़ाई जा चुकी है।
मामले के चार आरोपियों की हैदराबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर गोली मार दी गई थी- उसी राजमार्ग पर जहां 27 वर्षीय पशु चिकित्सक का जला हुआ शव मिला था। पुलिस ने बताया था कि 27 नवंबर, 2019 को पशु चिकित्सक का अपहरण किया गया, उससे गैंगरेप किया गया और बाद में हत्या कर दी गई। पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने बाद में महिला का शव जला दिया था।