हैदराबाद आईआईटी के एक छात्र ने परीक्षा में नंबर कम आने पर और नौकरी ना मिलने के डर ने उसे आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया। वाराणसी का रहने वाला मार्क एंड्रयू चार्ल्स नाम का छात्र एमटेक फाइनल ईयर में पढ़ रहा था। मंगलवार को छात्र ने हॉस्टल के कमरे में पंखे पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आईआईटी हैदराबाद में यह इस साल आत्महत्या का दूसरा मामला है।
इससे पहले भी फरवरी में एक छात्र ने बिल्डिंग से कूदकर जान दे दी थी। आईआईटी के छात्र चार्ल्स ने एक सुसाइड नोट भी लिखा जिसमे उसने अपनी आखिरी इच्छा बताई कि उसके शव को मेडिकल कॉलेज में दान कर दिया जाए।
छात्र ने लिखा कि कम से कम में नहीं तो मेरी लाश ही देश के भावी डॉक्टरों के काम तो आएगी। उसने अपने परिवार और दोस्तों से माफी मांगते हुए लिखा, “मैं आपको इस तरह निराश करूंगा ऐसा मैंने कभी नहीं सोचा था। आप लोग मुझे याद भी करें, मैं इसके काबिल नहीं हूं।”
‘मुझे कोई नौकरी नहीं मिलेगी क्योकि में लायक नहीं ‘
आईआईटी के छात्र चार्ल्स ने मरने से पहले एक आठ पेज का सुसाइड नोट लिखा , जिसके अंदर उसने परीक्षा में कम नंबर आने कि वजह से नौकरी ना मिलने के डर से आत्महत्या कर ली। चार्ल्स ने अपने दोस्तों को सन्देश देते हुए सुसाइड नोट में लिखा, मेरे पास कोई नौकरी नहीं है और शायद कोई नौकरी मुझे मिलेगी ही नहीं। कोई भी कंपनी किसी असफल इंसान को नौकरी नहीं देगी।
चार्ल्स ने अपने दोस्तों को दी खुलकर जीने की सलाह चार्ल्स ने अपने सुसाइड नोट में आगे लिखा ‘मैं अपनी ग्रेड शीट देखकर हैरान था और हर किसी की तरह मेरे भी कुछ सपने थे, जो अब सब बर्बाद हो चुके है। ऐसी सकारात्मक बातें करना और हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कुराहट रखना लेकिन सब ठीक नहीं होने पर भी लोगों से कहना कि मैं ठीक हूं। यह मुझसे अब नहीं हो रहा था।
चार्ल्स ने अपने करीबी दोस्तों के बारे में लिखा, “मेरे दोस्तों, अंकित, रज्जो आईटी इंडस्ट्री में काम करते-करते अपनी जिंदगी मत भूल जाना। यहां एक-एक पल को जी भरके जीना, क्योंकि हर किसी को एक ही जिंदगी मिलती है जिसे तुम बर्बाद करने के बजाय इसे दिलो जान से जी भर के जीना।”