कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राफेल सौदे में कथित 'भ्रष्टाचार' को लेकर केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है और कहा है कि यदि लड़ाकू विमानों की खरीदी में कोई अनियमितता नहीं हुई तब इसकी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन में सरकार झिझक क्यों रही है।
राफेल सौदा एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है
बघेल ने बुधवार को राजधानी रायपुर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘राफेल सौदा एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है तथा फ्रांस और अन्य देशों की सरकारें इस पर कार्रवाई कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल जी राफेल के मामले को लगातार उठाते रहे हैं। राफेल समझौते के मामले में पिछले लोकसभा चुनाव के पहले ही उन्होंने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया था। आज यह अंतरराष्ट्रीय मामला बन चुका है। फ्रांस या अन्य देशें में वहां की सरकार कार्रवाई कर रही हैं। मीडिया में भी यह खबरें आ रही है। लेकिन क्या कारण है कि भारत सरकार इसमें चुप्पी साधे बैठी है।’’
राफेल की खरीद में गड़बड़ी हुई है तो प्रधानमंत्री को जनता को जवाब देना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मेहनतकशों का पैसा दलाली में जा रहा है और यदि राफेल की खरीद में गड़बड़ी हुई है तो प्रधानमंत्री को जनता को जवाब देना चाहिए। बघेल ने कहा कि राहुल जी ने कहा था कि संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए और यदि गड़बड़ी नहीं हुई है तो जेपीसी गठन करने में सरकार झिझक क्यों रही है।
बिचौलियों को कम से कम 75 लाख यूरो की रिश्वत देने के लिए कथित फर्जी रसीदों का उपयोग किया गया
देश में राफेल विमान सौदों को लेकर आरोप प्रत्यारोप के बीच मंगलवार को यह मामला एक बार फिर सामने आ गया जब फ्रांस के एक पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि राफेल निर्माता कंपनी दसॉल्ट की ओर से बिचौलियों को कम से कम 75 लाख यूरो की रिश्वत देने के लिए कथित फर्जी रसीदों का उपयोग किया गया है।
कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे के संदर्भ में फ्रांस के इस समाचार पोर्टल की खबर को लेकर मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि इस 'घोटाले' पर पर्दा डालने के लिए केंद्र सरकार और सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बीच सांठगांठ हुई है।
