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जशपुर के जंगलों में आग से वन्य प्राणी व हरियाली को नुकसान

जानकारी मिलते ही संबंधित वन अधिकारी को इसकी जानकारी दे दी जा रही है। इसके बाद भी आग की घटना पर काबू नहीं पाया जाना दुर्भाज्ञपूर्ण है।

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में बादलखोल अभ्यारण्य और आसपास के जंगलों में लगने वाली आग को बुझाने में वन कर्मियों की विफलता के चलते यहां जंगल के वन्य प्राणी व वनों की हरियाली काफी नुकसान हो रहा है। जशपुर वन मंडल में इन दिनों रात और दिन में कुनकुरी, तपकरा, बगीचा और जशपुर के जंगलों के साथ बादलखोल अभ्यारण्य में जगह जगह आग की लपटें दिखाई दे रही हैं। बगीचा जनपद उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि वनों में सूखे पत्तों से दूर दूर तक फैलने वाली आग की घटना के संबंध में वन अधिकारियों को बार बार सूचना दिए जाने के बाद भी आग पर काबू पाने के लिए कोई पहल नहीं हो पा रही है।

कुनकुरी, तपकरा और जशपुर वन परिक्षेत्र के जंगलों में आए दिन आग लगने की घटना से काफी बड़ वन क्षेत्र में हरियाली चैपट हो गई है। जशपुर वन मंडल के वनों में आग की घटना को रोक पाने में वन कर्मियों की विफलता के चलते ही मोर, हिरण, कोटरी तथा अन्य वन्य प्राणी भटक पर आबादी क्षेंत्र पहुंच रहे हैं। जंगल की आग से बचने के लिए आबादी क्षेत्र में आने के बाद ये वन्य प्राणी शिकारी अथवा कुत्तों का शिकार बन जा रहे हैं।

 बगीचा क्षेत्र में आज चुनाव प्रचार कर वापस लौट रहे जिला कांग्रेस अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने बताया कि सरबकोम्भों गांव के समीप कुत्तों का शिकार से घायल एक हिरण पर अचानक नजर पड़ गई थी। उन्होंने बताया कि घायल हिरण का उपचार के बाद उसे ग्रामीणों की मदद से जंगल में ले जाकर छोड़ दिया। वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग का अमला काफी लापरवाही बरत रहे हैं। सरगुजा वन संरक्षक एस एस कंवर ने आज यूनीवार्ता को बताया कि इन दिनों जंगल में वनोपज संग्रहण के लिए ग्रामीण सूखे पत्तों में आग लगा दे रहे हैं।

यही आग जंगल में दूर दूर फैल कर हरियाली और वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होनें बताया कि यहां हाथी रिजर्व क्षेत्र के जंगलों में एक दिन में सौ से अधिक स्थान पर आग लगने की सूचना मिल रही है। इस आग पर तत्काल काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंनें बताया कि जशपुर जिले में बादलखोल अभ्यारण्य में इन दिनों अधिकारी और अन्य कर्मियों की कमी है। इस वजह जशपुर वन मंडल के कर्मियों से आपसी समन्वय बना कर आग की घटना पर काबू पाने के निर्देश दिए गऐ हैं। सेटेलाईट से जंगलों में आग की जानकारी मिलते ही संबंधित वन अधिकारी को इसकी जानकारी दे दी जा रही है। इसके बाद भी आग की घटना पर काबू नहीं पाया जाना दुर्भाज्ञपूर्ण है।

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