रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए-2 सरकार के सफलतापूर्वक 100 दिन पूरे होने पर देशभर में चल रहे कार्यक्रमों के अंतर्गत, आज रांची में केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए-2 सरकार ने 100 दिनों में हर क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करते हुए कई साहसिक फैसले लिए है।
“एनडीए-2 ने 100 दिन के कालखंड में नया इतिहास बनाने का कार्य किया है। इसी तरह हम अपने मेनीफेस्टो में जनता को किए हुए वादों को अगले पाँच सालों तक आगे बढ़ाएँगे। भारत सरकार पूरे देश के लिए कार्य कर रही है, जिससे सबका लाभ हो, सबके मौलिक हितों की रक्षा हो और उसे अपना हक मिले। हम देश के हितों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी आगे ले जाने का काम कर रहे हैं,” श्री मुंडा ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कश्मीर से 370 और 35A हटाने, आर्थिक क्षेत्र में किए गए सुधारों, खासकर सरकारी बैंकों के एकीकरण और कारोबार में सुगमता से जुड़े हुए फैसलों से तात्कालिक समय के साथ दूरगामी स्थिति में जहाँ देश को फायदा पहुचेगा, वहीं अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इस तरह हम अपने लक्ष्य भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर कि अर्थव्यवस्था बनाने की तरफ तेजी से अग्रसर होंगे।
इन 100 दिनों में सरकार ने जल संसाधन मंत्रालय के जरिये, जल क्षेत्र को बढ़ाने, बारिश के पानी को रोकने और भविष्य के लिए जल सुरक्षा जैसे महत्वाकांशी कार्य करने की योजना बनाई हैं।
वहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी कई अहम निर्णय लिए गए जिसमें तीन तलाक को दंडनीय जुर्म बनाना सबसे सराहनीय कार्य रहा। मोदी सरकार ने वैसे 58 कानून को, जो समय के साथ अपनी उपयोगिता खो बैठे थे, कानूनी सलाहकारों के सुझाव पर, समाप्त कर दिये है। इससे लोगों को सुगमता होगी।
भ्रष्टाचार पर भी सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं। देश की जनता को एक भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की जरूरत है। इस दौरान भारत ने इनोवेशन इंडेक्स पर भी लंबी छलांग के साथ 52 स्थान प्राप्त किया, जो देश की बौद्धिक क्षमता को दर्शाता है।
श्री मुंडा ने अपने मंत्रालय जनजातीय मामले के बारे में कहा कि केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर देशभर में एकलब्य विद्यालयों को बढ़ाया जाएगा और उनकी गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। जिससे झारखंड के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी जनजातीय छात्रों को लाभ पहुंचेगा। वहीं, सरकार के वन-धन योजना के अंतर्गत गाँवों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ उत्पादों को बाजार से जोड़ने का कार्य तेजी से किया जाएगा।