पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग के काम की आधार हैं। आशा कार्यकर्ताओं के बिना जन-जन तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाना असंभव है। आशा कार्यकर्ता को सबसे बड़ा फिल्ड फोर्स बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रों में कई चुनौतियों के बावजूद आशा बहनों का समर्पण मरीजों को जीवन दे रहा है। सम्मलेन के दौरान श्री पांडेय ने आशा कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी घोषणा भी की। श्री पांडेय ने कहा कि जनवरी 2019 से आशा कार्यकर्ताओं को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 हजार रूपये तक का इलाज कराने पर एक सौ और 5 हजार रूपये से अधिक का इलाज कराने पर 2 सौ रूपये की प्र्रोत्साहन राशि प्रति मरीज दी जाएगी।
श्री पांडेय ने कहा कि इस तरह की प्रोत्साहन राशि देने वाला बिहार पहला राज्य है। पूरे भारत के किसी राज्य में अभी इस तरह की प्रोत्साहन राशि नहीं दी जा रही है। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित बढ़े हुए प्रोत्साहन राशि के संदर्भ में कहा कि विभाग से पैसा भेज दिया गया है। जल्द ही भुगतान मिल जाएगा। श्री पांडेय ने सम्मेलन में आशा कार्यकर्ताओं से जनसंख्या नियंत्रण, टीकाकरण, मातृ स्वास्थ्य परीक्षण, मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत से भी कम करने की दिशा में सहयोग करने की बात कही। अन्य राज्यों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में जनसंख्या का घनत्व सबसे ज्यादा है। उन्होंने शिशु मृत्यु दर में कमी लाकर बेटों के साथ बेटियों को भी बचाने की अपील की।
श्री पांडेय ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के उत्थान के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास जारी हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत आशा कार्यकर्ताओं के सुरक्षा बीमा की प्रिमियम राशि केंद्र सरकार देगी। इसके अलावा राज्य सरकार आशा कार्यकर्ता को असामयिक मृत्यु पर 4 लाख की मुआबजा राशि देगी। बिहार के सभी आशा कार्यकर्ताओं की सूची केंद्र को भेज दी गई है। श्री पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार आयुष्मान भारत के लाभार्थी के मुखिया के नाम पत्र भेज चुकी है। अब आप आशा कार्यकर्ताओं का दायित्व है कि यह पत्र लाभार्थी तक जल्द से जल्द पहुंचे, जिसके माध्यम से लाभार्थी अपना गोल्डन कार्ड बनवा सकें।