हल्द्वानी : डेयरी निदेशालय में श्रम एवं मनरेगा विभाग के अलावा उत्तराखंड के सभी जनपदों के सहायक निदेशक दुग्ध की कार्यशाला में निदेशक डेयरी प्रकाश चन्द्र ने कहा कि 2022 तक दुग्ध उत्पादन करने वालोें किसानों की आय दोगुनी की जायेगी। यह तभी सम्भव है जब हम दुग्ध का व्यवसाय करने वालों को दुग्ध व्यवसाय के साथ-साथ मनरेगा एवं श्रम विभाग में उनका पंजीकरण कर उनकी आर्थिकी मजबूत करेंगे।
उन्होंने प्रदेश के सभी सहायक निदेशकों को निर्देश देते हुये कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर दुग्ध उत्पादकों को जागरूक करें और उन्हेें बतायें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) तथा श्रम विभाग की भवन एवं अन्य सन्निमार्ग कर्मकार अधिनियम 1996 के अन्तर्गत दुग्ध व्यवसाय करने वाले इन योजनाओं के माध्यम से क्या लाभ ले सकते हैं।
उन्होंने कहा पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकांश दुग्ध उत्पादक के पास चार या पांच पशु होते हैं इन पशुओं के अर्जित दुग्ध से उनका परिवार चलाना मुश्किल होता है। अगर दुग्ध व्यवसाय करने वालों का मनरेगा से पंजीकरण होता है तो दुग्ध व्यवसायी पशुबाड़ा, जलाशय, बायोगैस, संयंत्र, बहुवर्षी पशु आहार चारा, पौध व भूसा गोदामों सहित दुग्ध संग्रह केन्द्रों का निर्माण मनरेगा के अन्तर्गत कराया जा सकता है।