आयकर विभाग ने महाराष्ट्र में बालू खनन, चीनी बनाने की फैक्ट्री, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवा, मेडिकल कॉलेज चलाने वाले दो समूहों पर तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के दौरान 100 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। आयकर विभाग ने 25 अगस्त को छापा मारा था। विभाग ने शुक्रवार को ये जानकारी दी।
तलाशी अभियान महाराष्ट्र के सोलापुर, उस्मानाबाद, नासिक और कोल्हापुर जिलों में फैले 20 से अधिक परिसरों में चलाया गया। तलाशी के दौरान, हार्ड कॉपी दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में कई बड़े सबूत मिले जिन्हें जब्त कर लिया गया।
बेहिसाब नकद बिक्री के सबूत मिले और जब्त
एक अधिकारी ने कहा, इन सबूतों से समूह के कर चोरी के विभिन्न तौर-तरीकों का पता चलता है, जिसमें फर्जी खचरें की बुकिंग, अघोषित नकद बिक्री, अस्पष्टीकृत ऋण, क्रेडिट प्रविष्टियां शामिल हैं। बालू खनन और चीनी की फैक्ट्री चलाने में लगे समूह के मामले में 15 करोड़ रुपये से अधिक की चीनी की बेहिसाब नकद बिक्री के सबूत मिले और जब्त किए गए।
कार्रवाई से पता चला कि समूह ने अपनी बहीखातों में फर्जी असुरक्षित ऋण के रूप में जो आय पेश की है उसका कोई हिसाब किताब नहीं है। समूह के कई ऋणदाताओं, साथ ही समूह के प्रवर्तकों ने स्वीकार किया कि बिना हिसाब के 10 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी खाते में भेजी गई।
100 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला
एक कॉरपोरेट इकाई द्वारा संपत्ति की बिक्री पर लगभग 43 करोड़ रुपये के पूंजीगत लाभ के साक्ष्य भी जब्त किए गए। स्वास्थ्य सेवा और मेडिकल कॉलेज चलाने के व्यवसाय में लगे दूसरे समूह में भी बिना हिसाब नकदी प्राप्ति के सबूत मिले हैं। इसके अलावा, फर्जी खचरें की बुकिंग और संविदात्मक भुगतान आदि के संबंध में सबूत पाए गए हैं और जब्त किए गए हैं।
समूह की इस तरह की अघोषित आय का प्रारंभिक अनुमान 35 करोड़ रुपये है। अब तक, तलाशी कार्रवाई में 100 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला है। इसके अलावा, 5 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति का पता चला है जिसे जब्त कर लिया गया है, अधिकारी ने कहा।
मामले में आगे की जांच जारी है।