चेन्नई नगर निगम के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को यहां बताया कि जांच की संख्या और निगरानी बढ़ाने जैसे कदम उठाने के बाद कोविड-19 से संक्रमित लोगों की दर कम होकर करीब 12 प्रतिशत तक रह गई है। एक महीने पहले कोविड-19 संक्रमण के मामलों की दर 37 प्रतिशत थी।
जीसीसी आयुक्त जी. प्रकाश ने बताया कि सरकार ने पिछले महीने 12 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी जिससे हालात को काबू में करने के लिए काफी फायदा मिला। उन्होंने यहां बताया कि कोरोना वायरस के लिए जांच बढ़ाकर, बुखार जांच शिविर लगाकर और घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने से संक्रमित लोगों की दर को 10-12 फीसदी तक लाने में मदद मिली जो महज एक महीने पहले करीब 35-37 प्रतिशत थी।
मार्च से लेकर अब तक नगर निगम ने पांच लाख से अधिक आरटी-पीसीआर जांच की। उन्होंने कहा, ‘‘एक महीने पहले मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के निर्देश पर हमने जांच बढ़ाई। यह काफी अहम साबित हुआ। आज संक्रमित लोगों की दर 10-12 प्रतिशत है।’’ प्रकाश ने कहा, ‘‘पहले जब 4,000 नमूनों की जांच की जाती थी तो 1,400-1,500 संक्रमित पाए जाते थे। अब 13,000 नमूनों की जा की जा रही है तो महज 1,200 से 1,250 ही संक्रमित पाए जा रहे हैं।’’
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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के लॉकडाउन लागू करने के फैसले से जांच बढ़ाने का अनुकूल माहौल बना और लोगों की आवाजाही भी कम हुई। इससे पहले चेन्नई नगर निगम ने संक्रमण के बड़ी संख्या में मामले सामने आने की जानकारी दी थी।
तमिलनाडु में शुक्रवार तक कोरोना वायरस के 1,60,907 मामले सामने आए जिनमें से 83,377 मामले चेन्नई में सामने आए। प्रकाश ने बताया कि करीब 11,53,399 लोगों ने आठ मई से 17 जुलाई तक चेन्नई में 18,645 से अधिक बुखार मापने के शिविरों में जांच कराई। उन्होंने बताया कि इनमें से 60,686 लोगों में लक्षण पाए गए और उनकी कोविड-19 की जांच की गई तथा अन्यों को मामूली बीमारियों के लिए दवाइयां दी गई।