कर्नाटक के दो निर्दलीय विधायकों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने का अनुरोध किया जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री एचडी़ कुमारस्वामी की ओर से रखे गए विश्वास प्रस्ताव पर तुरंत मत-विभाजन कराने का निर्देश राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार को देने की मांग की थी।
कर्नाटक की 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार मंगलवार को विश्वास प्रस्ताव पर हुए मत-विभाजन में महज 99 वोट मिले जिसके कारण सरकार गिर गयी और कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। विश्वास प्रस्ताव के विरोध में 105 मत पड़े।
मुंबई : भारी बारिश के कारण अंधेरी में सड़क हादसा, 8 लोग घायल, अगले 2 दिन तक अलर्ट जारी
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ को विधायकों आर. शंकर और एच. नागेश के वकील ने सूचित किया कि हालिया घटनाक्रम के बाद वे अपनी याचिका वापस लेना चाहते हैं।
इसपर पीठ ने सवाल किया, ‘‘मुकुल रोहतगी (विधायकों के वकील) कहां हैं? अभिषेक मनु सिंघवी (विधानसभा अध्यक्ष के वकील) कहां हैं?’’ पीठ ने कहा कि वह सिर्फ वरिष्ठ अधिवक्ताओं की उपस्थिति में आदेश देगी।