हल्द्वानी : चर्चित स्टिंग प्रकरण को लेकर सूबे की सियासत एक बार फिर गरमाने लगी है। स्टिंग प्रकरण पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि सीएम जिस स्टिंग को सार्वजनिक करने की बात कर रहे हैं, अगर लोकायुक्त की नियुक्ति हुई होती तो वो सारे स्टिंग लोकायुक्त को सौंप देतीं।
लेकिन लोकायुक्त न होने से सरकार स्टिंग जैसे भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी, क्योंकि, शासन-प्रशासन और पुलिस के अधिकारी सभी सीएम से मिले हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर लोकायुक्त की नियुक्ति की गई होती तो अबतक इस मामले में सीएम के साथ ही कई बड़े नेताओं की जांच शुरू हो जाती।
लेकिन सीएम स्टिंग प्रकरण से ध्यान हटाने के लिए हल्की बातों का सहारा ले रहे हैं। इंदिरा ने हल्द्वानी के निकाय चुनाव में अपने बेटे को सीएम से सहयोग करने की बात का सिरे से खंडन करते हुए कहा कि उनकी सीएम से इस संबंध में कोई बात ही नहीं हुई, अगर सीएम के पास कोई सबूत फोन कॉल की डिटेल हो तो सीएम उसे सामने रखें।
उन्होंने सीएम पर हमला करते हुए कहा की किसी भी प्रदेश के सीएम को इस तरह की हल्की बात नहीं करनी चाहिए। सीएम स्टिंग प्रकरण से ध्यान हटाने के लिए इस तरह की बात कर रहे हैं, क्योंकि सीएम और उनका परिवार स्टिंग में पूरी तरह फंस चुका है इसीलिए सीएम इस तरह की बात कर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।