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इदौर ने दोबार रचा इतिहास, लगातार छठी बार बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, जानें 2nd, 3rd स्थान पर कौन रहा

केंद्र के वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया, जबकि सूरत और नवी मुंबई ने क्रमश: दूसरा तथा तीसरा स्थान हासिल किया।

स्वच्छ भारत अभियान की पहल में केंद्र सरकार हमेशा  तर्ज देती आई हैं, 2014 में मोदी सरकार केबनते ही लालकिले से पीएम ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी। जिसके बाद हर साल से ही मध्यप्रदेश का इंदौर छठवीं बार स्वच्छ शहर चुना जा चुका हैं। जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश सूरत और नवी मुम्बई को चिन्हित किया गया हैं। इस व्यापक परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई। 
स्वच्छ अभियान में इंदौर पहले स्थान पर रहा 

देश में चल रहे  ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022’ में इंदौर को देखा गया जबकि इसके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र को स्थान मिला हैं।  इंदौर और सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान गंवा दिया और यह स्थान नवी मुंबई को मिला और  सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों में त्रिपुरा ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य भी मौजूद थे।
महाराष्ट्र के देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया
मध्यप्रदेश का इंदौर शहर लगातार चौथी बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है।  दूसरे नंबर पर गुजरात का सूरत शहर है।
 मिली जानकारी के मुताबिक   एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर रहा। इसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन (एनपी) और महाराष्ट्र का करहड़ रहा। एक लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार गंगा के किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर रहा। इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश रहे।
सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले गंगा के किनारे बसे शहरों में बिजनौर पहले स्थान पर रहा। इसके बाद क्रमशः कन्नौज और गढ़मुक्तेश्वर का स्थान रहा।सर्वेक्षण में  महाराष्ट्र के देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया।स्वच्छ सर्वेक्षण का सातवां संस्करण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति का अध्ययन करने और विभिन्न स्वच्छता मानकों के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को रैंक देने के लिए आयोजित किया गया था।

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