कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के फैलाव को रोकने के लिए 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। तमाम प्रयासों के बाद भी वायरस का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। महाराष्ट्र में कोरोना का प्रभाव सबसे अधिक देखने को मिला है। इस बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि तीन मई को लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सामान्य स्थिति बहाल करने का प्रयास किया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए महाराष्ट्र के उन सभी इलाकों में औद्योगिक गतिविधियां जल्द शुरू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे जो कोविड-19 से प्रभावित नहीं हुए हैं। पवार ने कहा कि कोरोना वायरस हॉटस्पॉट मुंबई और पुणे के संदर्भ में अलग फैसले लिए जा सकते हैं। पवार ने कहा कि सभी छूट सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए दी जानी चाहिए ताकि इस जानलेवा वायरस को सभी से दूर ही रखा जाए।
उन्होंने मुंबई, पुणे, मालेगांव, औरंगाबाद और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से हो रहे प्रसार पर चिंता जताते हुए रेखांकित किया कि ज्यादातर मामले घनी आबादी वाले इलाकों से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘लॉकडाउन तीन मई को समाप्त होगा। हम सभी जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भविष्य के लिए किन कदमों की घोषणा करेंगे। लेकिन मुझे यकीन है कि जो इलाके ज्यादा प्रभावित हैं उन्हें छोड़कर, बाकी जगहों (कोविड-19 से अप्रभावित) पर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति देंगे।’’
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पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जिलाधिकारियों को ऐसे निर्देश दिए गए हैं और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। यह उल्लेख करते हुए कि राज्य आर्थिक संकट झेल रहा है, पवार ने कहा कि फैक्टरियों में काम शुरू करने और लोगों को काम पर लौटने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि ‘‘बहुत हो गया घर में बैठना। यह देखने की जरुरत है कि फैक्टरियों में कामकाज कैसे शुरू हो और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाएं।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार भी चाहती है कि उद्योग-धंधे शुरू हो जाएं। साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि तीन मई के बाद अगर छूट मिलती भी है तो उन्हें सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। पवार ने कोविड-19 के कारण कृषि संकट पर बात करते हुए कृषि और फसल कर्ज को लेकर उपाय किए जाने और किसानों के कर्ज के ब्याज में छूट देने पर जोर दिया। उन्होने कहा कि किसानों की मदद के लिए फसल कर्ज पर ब्याज दर शून्य करनी चाहिए। पवार ने लॉकडाउन के कारण उत्पन्न बेरोजगारी के मुद्दे के समाधान की भी मांग की।