कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को बीजेपी नेता मुकुल रॉय को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि आठ नवंबर तक बढ़ा दी है। यह मामला रेलवे की एक समिति में सदस्यता के लिए कथित तौर पर घूसखोरी से जुड़ा है। न्यायमूर्ति एस मुंशी और न्यायमूर्ति एस दासगुप्ता की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर रॉय की याचिका पर सुनवाई पांच नवंबर तक स्थगित कर दी।
राज्य की ओर से पेश लोक अभियोजक शाश्वत मुखर्जी ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने मामले से जुड़े दस्तावेज और सामग्री जुटा ली हैं और इनकी जांच परख के लिए वक्त चाहिए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की तारीख पांच नवंबर तय करते हुए रॉय को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि आठ नवंबर तक बढ़ा दी। धोखाधड़ी का यह मामला एक व्यापारी शांतु गांगुली ने बबन घोष नाम के व्यक्ति के खिलाफ दर्ज करवाया था।
घोष खुद को बीजेपी की स्थानीय कामगार इकाई का नेता बताता था। गांगुली ने प्राथमिकी में कहा कि घोष ने रॉय के नाम पर रेलवे की एक समिति में सदस्यता दिलवाने के लिए उससे कई लाख रूपए की रिश्वत ली थी। कोलकाता पुलिस ने 21 अगस्त को घोष को गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद रॉय ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दी थी।