रुद्रपुर : डीएलसी दफ्तर में पिछले 11 दिनों से धरने पर डटे मिंडा कर्मचारियों ने अब आंदोलन का तेवर तीखा कर दिया है। डीएलसी दफ्तर से निकल कर श्रमिकों का हुजूम अंबेडर पार्क में जमा हुआ। जहां सभा आयोजित की गई और इसके बाद सैकड़ों श्रमिकों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शहर में जुलूस निकाला। इन्टरार्क कर्मी ने इन्टरार्क प्रबंधन को आर-पार जंग की खुली चेतावनी दे डाली है।
डीएलसी दफ्तर में धरने पर डटे श्रमिक सैकड़ों की संख्या में अंबेडर पार्क जा पहुंचे। यहां एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पांच सौ से भी ज्यादा श्रमिकों ने शिरकत की और आंदोलन की धार को तेज किया। सभी के दौरान पदाधिकारियों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एएलसी-डीएलसी दफ्तर में अपनी जायज मांगों को लेकर कर्मचारी पिछले 11 दिन से धरने पर डटे हैं, लेकिन इन्टारर्क प्रबंधन के कान पर जूं नहीं रेंगी। इधर, प्रशासन का रवैया भी बेहद ढुलमुल हैं। वक्ताओं ने कहा कि पहले दौर के धरने के बाद हमारी प्रबंधन के साथ वार्ता हो गई और समझौता भी हो गया था, लेकिन योजना के तहत प्रबंधन ने हमारे एक साथी को अर्नगल आरोप लगाते हुए उसके गेट बंदी कर दी।
टोल वसूली के विरोध में ग्रामीण सड़क पर उतरे
इसके साथ ही कुछ और कर्मचारियों की गेट बंदी की गई। समझौते से बैकफुट पर आए प्रबंधन ने कर्मचारियों को प्रताडि़त करने की योजना बनाई। कर्मचारी गेटबंदी, वेतन कटौती और वार्षिक वेतन बढ़ोत्तरी समझौता के बाद भी श्रमिकों से दगा किया गया। सभा के बाद श्रमिकों ने शहर में जुलूस निकला। साथ ही तमाम संगठनों ने सभा स्थल पर पहुंच कर अपना समर्थन दिया। वक्ताओं में गणेश मेहरा, कैलाश पांडेय, मिथलेश जोशी, सुरेंद्र रावत, दिनेश तिवारी, दलजीत सिंह, राकेश, भरत जोशी, निहारिका सिंह आदि थे।
– सुरेंद्र तनेजा