आंध्र प्रदेश सरकार ने कृष्णा नदी की तलहटी पर बने अवैध बंगले को हटाने के लिये शुक्रवार को नोटिस जारी किया। यह बंगला पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने पट्टे पर ले रखा था। आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने नोटिस बंगले की दीवार पर चिपका दिया क्योंकि इसके मालिक लिंगमनेनी रमेश वहां नहीं थे।
प्राधिकरण के नोटिस में कहा गया है कि कृष्णा नदी की तलहटी पर छह एकड़ में फैले इस बंगले के निर्माण में कानूनी अनुमति नहीं ली गई और यह नियम-कानून का पूरी तरह उल्लंघन है।
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अधिकारियों ने बुधवार को बंगले से लगे सम्मेलन कक्ष ‘प्रजा वेदिका’ को तोड़ना शुरू किया था। इस कक्ष को नायडू के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान सरकारी सम्मेलनों के लिये 8.90 करोड़ रुपये की लागत से बनवाया गया था क्योंकि राज्य की नयी राजधानी में इसके लिये कोई अन्य सुविधा नहीं थी।