देहरादून : नैनीताल ऊधमसिंह नगर क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने जमरानी बांध परियोजना का मुद्दे को लोकसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास बजट की कमी है, इसलिए इस बहुउद्देश्यीय परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए। अजय भट्ट ने तर्क दिया कि जमरानी बांध का निर्माण नहीं होने पर पेयजल के अभाव में तेजी से विकसित हो रहे भाबर की बसासत उजड़ जाएगी और उत्तर प्रदेश के लिए भी सिंचाई का संकट पैदा होगा।
उन्होंने बांध निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत करने की मांग भी की। 44 वर्षों से जद्दोजहद के बाद अंतत: इसी साल फरवरी में वित्तीय और पर्यावरण की मंजूरी मिली। अब परियोजना निर्माण के लिए वित्त का इंतजार है। जमरानी की स्वीकृत डीपीआर 2584.10 करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार से मांगी गई है। सिंचाई अधिकारियों के अथक प्रयास के बाद चार फरवरी को केंद्रीय जल आयोग ने जमरानी बांध परियोजना की डीपीआर 2584.10 करोड़ (फाइनल कॉस्ट) को मंजूरी दे दी।
सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में देहरादून में हुई बैठक में जमरानी और बलियानाले का मामला छाया रहा। मुख्य अभियंता मोहन चंद्र पांडेय ने बताया कि प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभाग द्वारा बलियानाला संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों पर संतोष जताया गया। प्रमुख सचिव ने जमरानी बांध के सर्वे के लिए धनराशि की मंजूरी देते हुए कहा कि दो दिन में 50 लाख रुपये की राशि रिलीज कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि जमरानी और सौंग बांध को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कवायद तेज होने की वजह से इस परियोजना को प्रमुखता से लिया गया है। मुख्य अभियंता ने बताया कि एक महीने में विस्तृत डिजायन के साथ ही सर्वे रिपोर्ट भेज दी जाएगी।