अल्मोड़ा : कोसी नदी पुर्नजनन अभियान के तहत कोसी एनवायरमेंट समिट की एक दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन गोविन्द बल्लभ पंत पर्यावरण सतत विकास संस्थान कटारमल में किया गया। इस गोष्ठी में पर्यावरणीय विशेषज्ञों द्वारा अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये। समिट में मुख्य अतिथि भारत में माॅरीशस के उच्चायुक्त जे गोर्वधन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की संस्कृति उसकी पहचान है तथा इस तरह की संस्कृति दुनिया में किसी अन्य देश में नहीं है।
माॅरीशस व भारत एक दूसरे के मित्र देश है तथा हमेशा एक दूसरे का सहयोग करते आ रहे हैं। उच्चायुक्त ने कहा कि हमें पानी को संरक्षित करने की जरूरत है और इसकी जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति की है। हमें पर्यावरण संतुलन को बनाये रखना होगा, जिससे हमारे जल स्रोत हमेशा रिचार्ज रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम दोहन किया जाय। गोष्ठी में उपस्थित वन पर्यावरण एवं जलवायु परिर्वतन मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव निकुंज के सुन्दराय ने कहा कि नदियों के जलस्तर में लगातार कमी भारत में ही नहीं बल्कि एक वैश्विक चिन्ता का कारण है।
एनआरडीएम के निदेशक डॉ जेएस रावत ने कहा कि 14 रिचार्ज जोनो में प्रथम चरण में कार्य समाप्त हो चुका है। साथ ही इन स्थानों में चैकडैम, चाल-खाल, खन्तिया, वाटर टैंक आदि बनाये जा रहे है। इसके अलावा सुरक्षा दीवार बनाने का कार्य भी प्रगति पर है। गोविन्द बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान के निदेशक डॉ आरएस रावल ने संस्थान की उपलब्धियों एवं संस्थान द्वारा किये गये कार्यों के बारे में बताया गया।
इस दौरान जलवायु परिर्वतन एवं पर्यावरणीय संतुलन के विभिन्न विषयों पर अनेक विशेषज्ञों द्वारा विचार व्यक्त किये गये जिनमें एकता भास्कर, गगंटोक सोनम चैपाल भोटिया, रश्मि बजाज, ए पटनायक, वैभव चतुर्वेदी सहित अन्य लोगो द्वारा विचार गोष्ठी में अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये। इस गोष्ठी में उपजिलाधिकारी विवेक राय, परियोजना निदेशक नरेश कुमार, पंकज काण्डपाल, उद्यान विभाग के हितपाल सिंह, इलैटस संस्था के रितिका सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
– संजय तलवाड़