सितारगंज : नंधौर नदी के नवनिर्मित गेट से उप खनिज लाने को वर्ष 2013 से पूर्व के वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी से वाहन स्वामी भड़क उठे हैं। उनका कहना है कि कमोबेश सभी ट्रांसपोर्टरों व वाहन स्वामियों के पास पांच वर्ष अधिक समय की गाड़ियां हैं। ऐसे में यह नियम अव्यावहारिक व बेरोजगारों के हित में नहीं हैं।
इधर वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने भी जिलाधिकारी को भेजे पत्र में इस नियम को निरस्त करने को कहा है। इसी वर्ष से नंधौर नदी में एक और गेट शुरू किया गया है। यह गेट उधम सिंह नगर का एक मात्र गेट है। इधर जिलाधिकारी ने इस गेट को लेकर यह शर्त रख दी है कि यहां से उप खनिज लाने के लिए उन्हीं वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा जो वर्ष 2013 के बाद नये खरीदे गये हैं।
क्षेत्र में जो वाहन चल रहे हैं उनमें ज्यादातर वर्ष 2013 के पहले के हैं। इस बीच गेट खुलने की सूचना पर क्षेत्र के कई बेरोजगारों ने वाहन खरीद लिये। ज्यादातर ने सस्ते में मिलने के कारण वर्ष 2013 से पूर्व के ही वाहन खरीदे। अब उन बेरोजगारों की परेशानी बढ़ गई हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्या करें।
वे इसका विरोध करने का मन बनाने लगे हैं। इधर वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत के संज्ञान में भी यह मामला आया तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि नंधौर के पांचवे गेट से वाहनों के पंजीकरण के लिए निर्गत विज्ञप्ति में वर्ष 2013 से पूर्व के वाहनों को प्रतिबंधित किया गया हैं।
मंत्री ने इसे सामाजिक न्याय का उल्लंघन बताया है। उनका जिलाधिकारी से कहना है कि उनसे दूरभाष पर हुई वार्ता के क्रम में उक्त गेट से वाहन पंजीकरण को रखी शर्त को निरस्त कर पुनः विज्ञप्ति जारी करें।