केरल के एर्नाकुलम जिले के कोतमंगलम में सोमवार को उस वक्त तनाव फैल गया जब जैकोबाइट धड़े के पादरियों और अनुयायियों ने ऑर्थोडॉक्स धड़े के लोगों को गिरजाघर में प्रवेश करने से रोका और उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए उन्हें गिरजाघर का नियंत्रण नहीं लेने दिया।
गिरजाघर के सामने जैकोबाइट धड़े के साथ घंटों चले गतिरोध के बाद ऑर्थोडॉक्स धड़े के पादरी और अनुयायी घटनास्थल से चले गए। उन्होंने पुलिस पर सुरक्षा उपलब्ध न कराने का आरोप लगाया। जब ऑर्थोडॉक्स धड़े के पादरी गिरजाघर पहुंचे तो जैकोबाइट धड़े के पादरियों और अनुयायियों ने गिरजाघर के द्वार अंदर से बंद कर लिए। उनके पास अदालत का आदेश था जिसमें पुलिस को गिरजाघर में धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए उनके पादरियों को सुरक्षा देने के निर्देश दिए गए।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने केरल में एक हजार गिरजाघरों तथा संपत्तियों पर कब्जे का फैसला ऑर्थोडॉक्स धड़े के पक्ष में दिया था जिसका जैकोबाइट धड़े से विवाद चलता रहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद अभी तक आर्थोडॉक्स धड़ा गिरजाघर का नियंत्रण अपने हाथ में नहीं ले पाया है।
मुवाट्टुपुझा की एक अदालत ने पुलिस को ऑर्थोडॉक्स धड़े को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए थे जिसके बाद वे गिरजाघर का नियंत्रण लेने वहां पहुंचे थे।
भारी ड्रामा के बीच जिला प्रशासन ने गिरजाघर में और उसके परिसर में जैकोबाइट धड़े की मौजूदगी को ‘‘गैरकानूनी’’ घोषित किया और उनसे स्थान छोड़ने का अनुरोध किया।
बहरहाल, जैकोबाइट धड़े के पादरी और अनुयायी गिरजाघर और उसके परिसर में बने हुए हैं जिससे ऑर्थोडॉक्स धड़े के पादरियों को बाहर इंतजार करने के लिए विवश होना पड़ा। जैकोबाइट धड़े के सैकड़ों लोग गिरजाघर में डेरा डाले हुए हैं जिसे जैकोबाइट गिरजाघर के अनुयायियों का मुख्य तीर्थस्थल माना जाता है।
हालात देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस बीच ऑर्थोडॉक्स धड़े का कहना है कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन किया जाना चाहिए।