आंध्र प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए बुधवार को मतदान किया जाएगा। यह चुनाव वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के शासन की पहली कड़ी परीक्षा माना जा रहा है। शहरी स्थानीय निकाय के चुनाव ऐसे वक्त में हो रहे हैं, जब विपक्ष संयुक्त रूप से सरकार पर हमलावर है और सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पर नगर निकायों पर कब्जा जमाने के लिए ज्यादती करने, सरकारी तंत्र, खासकर पुलिस के, दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है।
विपक्षी पार्टियां (मुख्यमंत्री के गृह निर्वाचन क्षेत्र) पुनीवेंदुला, पुंगननुरू (चित्तूर जिला), पिडुगुराला और मचेरला (दोनों गुंटूर जिले में) नगर निकायों के सभी वार्डों में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस की ‘सर्वसम्मति से’ जीत का हवाला देते हुए सरकार पर निशाना साध रही हैं। इसके अलावा भी कई अन्य नगर निकायों में कई वार्डों पर सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार ‘निर्विरोध’ जीत गए हैं जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए हैं।
बहरहाल, 71 नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों तथा 12 नगर निगमों के लिए बुधवार को वोट पडेंगे, जिनमें 78.71 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम में एक दशक बाद चुनाव हो रहे हैं। यह उसका विस्तार होने के एक बाद पहला चुनाव है। विपक्षी तेदेपा, भाजपा, कांग्रेस, जन सेना, भाकपा, माकपा ने राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) से मांग की है कि वाईएसआर कांग्रेस द्वारा किए गए कथित कदाचार के मद्देनजर पिछले साल जारी चुनाव अधिसूचना को रद्द करें और नई अधिसूचना जारी करें।
एसईसी ने कुछ उन नगरपालिकाओं में विपक्षी उम्मीदवारों को सबूतों के साथ शिकायत दायर करने का मौका दिया है जहां उनसे कथित रूप से जबरन नामांकन वापस कराया गया है, ताकि उनके मामले पर पुनर्विचार किया जा सके। सबकी नजरें गुंटूर नगर निगम, विजयवाड़ा नगर निगम और विशाखापत्तनम नगर निगम के चुनावों पर हैं। इन नगर निकायों के नतीजों को राज्य की विवादित राजधानी के मुद्दे पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जाएगा।