महाराष्ट्र राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी और उसकी सहयोगी कांग्रेस जनादेश के मुताबिक राज्य में विपक्ष में बैठेगी। राज्य में सरकार गठन में शिवसेना का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) द्वारा समर्थन किये जाने की संभावना की अटकलों के बीच पाटिल की यह टिप्पणी आई है। दरअसल, अगली सरकार में सत्ता की साझेदारी को लेकर उद्धव ठाकरे नीत पार्टी (शिवसेना) का उसके सहयोगी दल भाजपा के साथ संबंध तनावपूर्ण चल रहा है। पाटिल ने कहा, ‘‘हमें लोगों ने विपक्ष में बैठने को कहा है और हम यह कर्तव्य निभाएंगे।’’
राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार की गलतियों को उजागर करेगी। पवार ने विपक्ष में बैठने का संकेत देते हुए कहा, ‘‘हम इस पर नजर रखेंगे कि क्या सरकार सही दिशा में काम कर रही है? हम सुनिश्चित करेंगे कि सरकार की ओर से समाज के किसी भी तबके के साथ कोई अन्याय नहीं हो।’’
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गौरतलब है कि मंगलवार को राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा था कि यदि भाजपा राज्य विधानसभा में बहुमत जुटाने में नाकाम रहती है तो उस स्थिति में एक वैकल्पिक सरकार बनाने पर विचार किया जा सकता है। वहीं, शिवसेना ने सरकार गठन पर भाजपा के साथ अपनी बैठक मंगलवार को रद्द कर दी। इस घटनाक्रम के कुछ ही घंटे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने इस बात से इनकार किया था कि ठाकरे की पार्टी को सत्ता साझेदारी फार्मूले के तहत ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री पद देने का आश्वासन दिया गया है।
उल्लेखनीय है 21 अक्टूबर को राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। वहीं, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली। राज्य विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। नवनिर्वाचित राकांपा विधायक विधानसभा और विधान परिषद में पार्टी एवं समूह का नेता चुनने के लिये बुधवार शाम बैठक करेंगे।