कोटद्वार : राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेश के बाद प्रशासन ने करोड़ों रुपये की लागत से बनी सरकारी इमारतों पर जेसीबी चलवाकर ध्वस्त करा दिया गया। एनजीटी ने रामगंगा बांध निर्माण के दौरान कॉर्बेट नेशनल पार्क की भूमि पर बनी इन कॉलोनियों को अवैध घोषित करते हुए प्रशासन को भूमि खाली करवा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को सौंपने के निर्देश दिए थे। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में चिह्नित 192 भवनों में से 42 को जमींदोज कर दिया गया। जनता के गुस्से को दरकिनार कर प्रशासन ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। यह कार्रवाई रविवार को भी जारी रही। इससे कॉलोनी वासियों में दिनभर अफरातफरी मची रही।
सिंचाई विभाग की भूमि को वन विभाग को सौंपे जाने की कवायद के तहत प्रशासन ने शनिवार को कालागढ़ में सरकारी आवासों- भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। पहले दिन पीएचसी, गढ़वाल विकास निगम गैस ऐजेंसी, विद्युत निगम, डाकघर, उपकोषागार, रामरहीम मिलन केंद्र धर्मशाला की विशाल इमारतों को जेसीबी से जमींदोज कराया गया। टीम को देख नई कालोनी के मुख्य मार्ग पर स्थित दुकानों और खोखो को दुकानदारों ने स्वयं हटा लिया। केंद्रीय कालोनी में पहुंची प्रशासन की टीम ने जब बड़ी संख्या में आवासों को ध्वस्त करना शुरू किया तो परिवारों में खलबली मच गई।
दून में फिर गरजी जेसीबी
पुलिस की मौजूदगी में कर्मियोें ने जबरन उनके सामान आवासों से निकालकर बाहर फेंक दिए। यहां परिवारों ने जमकर विरोध किया, लेकिन प्रशासन की सख्ती के बावजूद किसी की नहीं चली। क्षेत्रवासी अजमत अली, रहीस अहमद, तेजपाल सिंह का आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें सामान तक निकालने का वक्त नहीं दिया। आते ही घर पर जेसीबी चला दी गई। विरोध करने पर पुलिस ने उन्हें लाठीचार्ज की धमकी दे डाली। इससे जनता सहम गई। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने नई कॉलोनी में डी आवासीय क्षेत्र में मकानों को ध्वस्त कराया। सुरक्षा की दृष्टि से नई कॉलोनी बाजार को जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया।
– विवेक बनियाल