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नागालैंड चुनाव पर जदयू की पैनी नजर, कहा- मुद्दे का समाधान जल्द निकाला जाना चाहिए

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने कहा है कि दशकों पुराने नगा राजनीतिक मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाना चाहिए, ताकि नगालैंड में आगामी विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया तय समय पर हो सके।

2023 में देश के नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले है जिसकों लेकर राजनीतिक पार्टीयों ने औपचारिक रूप से कमर कस ली है। इस पर जनता दल यूनाइटेड दल का स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में इतने सालों से चल रहा राजनीतिक मुद्दा को जल्द से जल्द समाधान कर देना चाहिए क्योंकि इससे चुनावों पर कुछ हद तक असर देखनों को मिल सकता है। क्योंकि नागालैंड में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया तेजी से हो सकें। 
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जदयू के राज्यसभा सदस्य अनिल प्रसाद हेगड़े ने शनिवार को दीमापुर में कहा, “2018 के विधानसभा चुनावों का जनादेश ‘समाधान के लिए’ था। जदयू का मानना है कि पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘राजनीतिक अस्थिरता’’ नगा राजनीतिक मुद्दे को हल करने में विफलता का कारण है। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान होना नगाओं की स्थायी शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए केंद्र और एनएससीएन (आईएम) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में तीन अगस्त 2015 को एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता 18 वर्षों में 80 से अधिक दौर की बातचीत के बाद हुआ था।
एनएससीएन (आईएम) के साथ रूपरेखा समझौते के अलावा केंद्र ने दिसंबर 2017 में सात संगठनों (एनएनपीजी) वाले नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों (एनएनपीजी) के साथ एक सहमत स्थिति पर भी हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, सरकार द्वारा एनएससीएन (आईएम) की एक अलग ध्वज और अलग संविधान की मांग स्वीकार नहीं किए जाने के कारण अंतिम समाधान अब तक नहीं निकल सका है। लंबे अंतराल के बाद पिछले साल सितंबर में दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हुई थी। हेगड़े ने कहा कि नगालैंड में चुनाव कराने और स्थिर सरकार देने के बजाय राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करना उचित नहीं है, क्योंकि इस समय जरूरी यह है कि नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान निकाला जाए।

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