रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार को राज्य में मनरेगा मजदूरी दर को बढ़ाकर कम से कम 300 रूपये करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद लगभग साढे पांच लाख मजदूरों के झारखण्ड लौटने की संभावना है ऐसे में उनके झारखंड लौटने के बाद राज्य सरकार को उन्हें पृथक वास में रखने तथा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से मदद की आवश्यकता पड़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज बैठक कर ताजा हालात की जानकारी ली और इसी दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपनी बात प्रधानमंत्री के समक्ष रखी। साथ ही मुख्यमंत्री ने पर्याप्त संख्या में टेंट ,शौचालय निर्माण के लिए तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया ।
सोरेन ने कहा कि मनरेगा के तहत न सिर्फ भुगतान की राशि 300 रुपये की जाये बल्कि निर्धारित कार्य दिवस की सीमा को बढ़ाया जाए ताकि वापस झारखंड लोटे मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार उपलब्ध ना होने की स्थिति में विधि व्यवस्था एवं सामाजिक तनाव की स्थिति राज्य में उत्पन्न हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के लोक उपक्रमों द्वारा भी बकाया राशि का भुगतान राज्य सरकार को नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने लोक उपक्रम सीसीएल, बीसीसीएल, सेल इत्यादि का बकाया भुगतान जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के लिए पहल करने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया।
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि राज्य सरकार द्वारा ऋण प्राप्त करने की जो सीमा एफआरबीएम के तहत 3 प्रतिशत तक सीमित है उसे बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया जाए ताकि राजस्व में संभावित कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय ऋण पर प्रतिमाह मूलधन की किस्त तथा ब्याज का भुगतान किया जाता है उस पर स्थगन लगाया जाए तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए ऋण पर देय ब्याज की राशि को भी माफ करने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि कोरोना महामारी संकट के दो आयामों पर राज्य सरकार काम कर रही है। पहल सामाजिक सुरक्षा और दूसरा जीवन की रक्षा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में तीन कोरोना टेस्टिंग केंद् कार्यरत हैं जिसमें अभी तक 1681 टेस्ट किए जा चुके हैं जिसमें से 17 लोग कोरोना संक्रमित पाए गये हैं। रांची के दो अस्पतालों को कोविड अस्पताल घोषित किया गया है। जिसमें लगभग 160 बेड की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि डेढ़ लाख मजदूर दूसरे राज्यों से झारखंड आए हैं उनकी जांच करके आवश्यकतानुसार उन्हें पृथक रखा गया है।