झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने शनिवार को (यानी आज) यहां कहा कि कोविड-19 संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार सदैव अपने मजदूरों एवं छात्रों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कोरोना से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और आगे की रणनीति पर दक्षिणी एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सांसदों एवं विधायकों के साथ आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये राज्य के सरकारी अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, स्वास्थ्यकर्मी, जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के लोगों ने जो तत्परता दिखायी है वह प्रशंसनीय है। सोरेन ने कहा, ‘‘मैं इन कोरोना योद्धाओं को नमन करता हूं।
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राज्य सरकार के निरंतर प्रयास से दूसरे राज्यों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं प्रवासी मजदूरों का बड़ी संख्या में घर वापस लौटना प्रारंभ हो गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वैसे मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य गये थे और लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं तथा वापस घर आना चाहते हैं, उन सभी मजदूरों को घर वापस लाना सरकार का दायित्व है।’’
उन्होंने कहा कि वापस लौट रहे मजदूरों एवं उनके परिवार में भोजन की समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 15 से 20 दिनों का राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक पुलिसिंग (मानकी, मुंडा, परगनेत, ग्राम प्रधान इत्यादि) व्यवस्था को भी ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द से जल्द सक्रिय करने की आवश्यकता है।