मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हेमंत सोरेन की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने प्राथमिकी और निचली अदालत की कार्यवाही रद्द करने का आदेश दिया। अदालत ने हेमंत सोरेन के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी और निचली अदालत में चल रही कार्यवाही को रद्द कर दिया है।
प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार उन्हें नहीं
बता दे कि अधिवत्ता कौशक सरखेल ने हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सरकारी अधिकारी शिकायत दर्ज करा सकते है, लेकिन प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार उन्हें नहीं है। लेकिन हेमंत सोरेन के मामले में सरकारी अधिकारी ने प्राथमिकी ही दर्ज करा दी है, जो कि नियमों के खिलाफ है।
क्या है पूरा मामला
लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन छह मई 2019 को बूथ नंबर 388(संत फ्रांसिस स्कूल हरमू) में हेमंत सोरेन पत्नी कल्पना सोरेन के साथ मतदान करने गए थे। हेमंत सोरेन अपने गले में पार्टी का पट्टा लटकाए हुए मतदान स्थल पर पहुंचे थे। इस मामले में कार्यपालक दंडाधिकारी राकेश रंजन उरांव ने अरगोड़ा थाना में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी।