झारखंड की राजनीति में भी सियासी हवा किस ओर बह रही है, यह तय कर पाना अभी जरा मुश्किल लग रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि प्रदेश की सरकार को गिराने की साजिश चल रही है। जानकारी के मुताबिक, झारखंड में सत्ता और सियासत के गलियारे में एक बार फिर हलचल है। इसकी वजह है सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रामदास सोरेन द्वारा रांची के धुर्वा थाने में दर्ज करायी गयी एक एफआईआर।
साथ ही इसमें उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा से निष्कासित किये जा चुके पूर्व केंद्रीय कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल एवं एक अन्य व्यक्ति अशोक अग्रवाल पर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश रचने का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस में लिखायी गयी रपट में शिकायत की है कि रवि केजरीवाल ने उन्हें बड़ी रकम और मंत्री पद का प्रलोभन दिया।
हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश
एफआईआर तो विगत 12 अक्टूबर को ही दर्ज की गयी है, लेकिन सत्ता के गलियारे में इसकी खबर आज फैली है। बीते तीन महीने में यह दूसरी बार है, जब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश की शिकायत पुलिस में दर्ज करायी गयी है।
इसके पहले बीते 22 जुलाई को झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस के एक विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने भी महाराष्ट्र और झारखंड के कुछ ‘पावर ब्रोकर्स’ पर सरकार को गिराने की साजिश रचने और कुछ विधायकों को खरीदारी की कोशिश का आरोप लगाते हुए रांची के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी।
भाजपा के दो विधायकों के नाम भी शामिल
इसके आधार पर पुलिस ने रांची के एक होटल से तीन लोगों ब्रजेश कुमार दुबे, अमित सिंह और निवारण महतो को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से दो लाख रुपये बरामद किये थे। इस साजिश की जांच के क्रम में पुलिस ने महाराष्ट्र भाजपा के दो विधायकों के नाम भी लिये थे। पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार लोगों को जेल तो भेज दिया, लेकिन तीन महीने बाद भी जांच का न तो कोई निष्कर्ष सामने आया है और न ही चार्जशीट फाइल की गयी है।
अब विगत 12 अक्टूबर को घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के झामुमो विधायक रामदास सोरेन द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर में कहा गया है कि पार्टी से निष्कासित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल एवं अशोक अग्रवाल उनके आवास पर आये और उनसे कहा कि नयी पार्टी बनाकर भाजपा के साथ मिलकर नयी सरकार बनाइए। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई अन्य विधायक भी हमारे साथ हैं।
पार्टी छोड़ने और नई सरकार में मंत्री पद देने का दिया लालच
आरोप लगाया गया है कि रवि केजरीवाल ने उनसे दो-तीन बार फोन पर भी बात की और झारखंड मुक्ति छोड़ने के लिए बड़ी रकम और नयी सरकार में मंत्री पद देने का भी प्रलोभन दिया। पुलिस ने विधायक की लिखित शिकायत पर आईपीसी की धारा 124 ए, 171 ई, 120 डी, 34 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 एवं 9 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। इसकी जांच हटिया के एएसपी विनोद कुमार को सौंपी गयी है।
हमारी सरकार पूरी तरह इंटैक्ट है, पुलिस अपनी जांच कर रही है
इस बाबत पूछे जाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हमारी सरकार पूरी तरह इंटैक्ट है। विधायकों को प्रलोभन देने की जो शिकायतें थाने में दर्ज करायी गयी हैं, उसमें पुलिस अपनी जांच करेगी। इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा है, सत्ता लोलुपता में एक घमंडी पार्टी ने निर्लज्जता की सारी हदें पार कर दी हैं। एक नेता प्रतिपक्ष तक नहीं बना पाने वाले लोग आज छद्म जीवन जीने को मजबूर हैं।