झारखंड में एक अजीबो – गरीब मामला सामने आया है। अब शराब पीने वालों को शराब खरीदने के लिए शराब के ठेके पर जाने की जरुरत नहीं होगी। जल्द ही किराने की दुकानों पर भी शराब मिलने लगेगी।
झारखंड के आबकारी विभाग ने राज्य में किराने की दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा है। किराने की दुकानों में शराब बिक्री की मुख्यमंत्री से मंजूरी लेने के लिए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) भेजा गया है। सीएमओ ने कुछ सवालों के साथ आबकारी विभाग को फाइल लौटा दी है।
आबकारी विभाग के एक सूत्र ने बताया कि, जारी प्रस्ताव के अनुसार, 30 लाख रुपये की आय पर GST दाखिल करने वाली किसी भी किराना दुकान को शराब बेचने का लाइसेंस दिया जा सकता है। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री की अनुमति के लिए भेजा गया है, जो आबकारी विभाग के प्रभारी भी हैं। प्रस्ताव 2018 की आबकारी नीति के संशोधन के रूप में है।
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन वर्षों में झारखंड ने अपनी आबकारी नीति में दो बार संशोधन किया है। पहले जहां लाइसेंस की नीलामी के जरिए शराब बेची जाती थी। इसके बाद 2017 से राज्य सरकार ने सरकारी दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री शुरू की। हालांकि इस कदम के साथ राज्य को अपना राजस्व बढ़ाने में कोई खास सफलता हासिल नहीं हो सकी। इसके बाद राज्य ने फिर से अपनी नीति में संशोधन किया और 1 अप्रैल, 2019 से शराब की दुकानों की नीलामी भी शुरू कर दी है।
नए प्रस्ताव के अनुसार, किराने की दुकानों को लाइसेंस देकर पंचायत स्तर पर भी शराब की दुकानें खोली जा सकती हैं। इस तरह से राज्य सरकार ने शराब की बिक्री पर प्रति वर्ष 1,500 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है।