झारखंड के धनबाद कोयलांचल में कोयले के अवैध खनन और तस्करी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कोयले की संगठित लूट को राज्य सरकार और प्रशासन का संरक्षण हासिल है। उन्होंने कहा, कई बार तो ऐसा लगता है कि राज्य में लुटेरों की ही सरकार चल रही है।
बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों और नेताओं के एक दल ने गुरुवार को धनबाद के निरसा और बलियापुर में उन खदानों का दौरा किया, जहां पिछले दिनों अवैध कोयला खनन के दौरान चाल धंसने से लगभग एक दर्जन लोगों की मौत हो गयी थी।
मरांडी ने कहा कि इन इलाकों के दौरे से यह जमीनी सच्चाई सामने आ गयी है कि प्रशासन और माफिया मिलकर बीसीसीएल और इसीएल की खदानों से बड़े पैमाने पर कोयले की अवैध माइनिंग करा रहे हैं। जहां कोयला कंपनियों को अरबों का नुकसान हो रहा है, वहीं इस लूट में प्रशासन के अधिकारी भी बराबर के हिस्सेदार हैं।
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उन्होंने कहा, अवैध तरीके से निकाले जाने वाले कोयले की हर बोरी पर प्रशासन और माफिया ने 80 रुपये का रेट फिक्स कर रखा है। अवैध माइनिंग के चलते खदानों में सुरंगें बन गयी हैं, जहां आए रोज होने वाले हादसों में गरीब मजदूरों की जान जा रही है। बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मांग की कि कोयले की इस संगठित लूट की सीबीआई जांच करायी जानी चाहिए।
मरांडी ने कहा कि निरसा और बलियापुर स्थित खदानों में चाल धंसने से जिन लोगों की मौत हुई है, उनके बारे में प्रशासन का कहना है कि वे कोयला चुनने गये थे। प्रशासन इलाके में चल रहे अवैध खनन पर पर्दा डालना चाहता है। हकीकत यह है कि पुलिस-प्रशासन के एक-एक अधिकारी माफिया से मिले हुए हैं। प्रशासन खदान की चाल धंसने से मरने वालों की संख्या मात्र पांच बता रहा है, जबकि इससे कहीं अधिक संख्या में लोग मारे गए हैं।
उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी भी दी है। धनबाद के गोपीनाथपुर, कापासारा एवं दहीबाड़ी का दौरा करने वाले बीजेपी के दल में धनबाद के विधायक राज सिन्हा एवं निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता भी शामिल थे।